101वें तानसेन समारोह से पहले सजी पूर्वरंग सभा में तबला, ख्याल और भजन प्रस्तुतियों ने रच दिया संगीत का दिव्य वातावरण


तानसेन की स्मृति में सजी पहली पूर्वरंग सभा, ग्वालियर फिर महका संगीत-सुगंध से

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में बुधवार को विश्वप्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह की पहली पूर्वरंग सभा ने ऐसा मनोहारी संगीत–श्रृंगार रचा कि गंगा दास शाला का पूरा परिसर सुर, लय और भाव की पवित्र ऊर्जा से गूंज उठा। माँ सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ हुई इस सभा ने शास्त्रीय संगीत की परंपरा को एक बार फिर भव्य रूप में साकार किया।

101वें तानसेन समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित यह पूर्वरंग सभा आगामी मुख्य आयोजनों की रसमयी प्रस्तावना बन गई। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीत समागम 15 से 19 दिसंबर तक आयोजित होगा।


श्लोक द्विवेदी के तबला वादन ने बांधा समा

सभा का शुभारंभ युवा और प्रतिभाशाली तबला वादक श्लोक द्विवेदी की एकल प्रस्तुति से हुआ। उन्होंने तीनताल में पेशकार, रेला, गत, फरमाइशी टुकड़े और तिहाई सहित अनेक जटिल प्रस्थानों में ऐसी ताल–लय की सृष्टि की कि उपस्थित श्रोता देर तक सम्मोहित रहे।
बनारस और लखनऊ घराने की खास गतों ने सभागार में ताल की मधुर गूंज को और गहरा कर दिया।


अखिलेश अहिरवार के ख्याल और भजन ने रस–श्रृंगार से भरी सभा

दूसरी प्रस्तुति में युवा ख्यात गायक अखिलेश अहिरवार ने राग नट भैरव में विलंबित ख्याल “एरी मिल मंगल गाओ” और मध्यलय ख्याल “सुजान करियो” प्रस्तुत कर सभा में श्रृंगार और मार्दव का अद्भुत मिश्रण तैयार किया।
इसके बाद उन्होंने राग पटदीप में द्रुत ख्याल और राग भैरवी में “बाल रूप छवि राम” का भजन गाकर वातावरण को आध्यात्मिक रसों से भर दिया।

गंगा दास शाला के महंत रामसेवक दास की उपस्थिति और संजय देवले के संचालन ने सभा को और गरिमामय बनाया।

यह पूरा आयोजन मध्यप्रदेश सरकार, संस्कृति विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम और एमपी टूरिज़्म के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत एवं कला अकादमी, संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा संपन्न किया जा रहा है।


15 दिसंबर को होगा भव्य शुभारंभ: राष्ट्रीय तानसेन सम्मान एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि 101वें तानसेन समारोह का भव्य शुभारंभ 15 दिसंबर को शाम 6 बजे तानसेन समाधि स्थल पर होगा।
इस दौरान राष्ट्रीय तानसेन सम्मान और राजा मानसिंह तोमर सम्मान भी प्रदान किए जाएंगे।

  • राष्ट्रीय तानसेन सम्मान 2024: पंडित राजा काले (मुंबई) – गायन

  • राष्ट्रीय तानसेन सम्मान 2025: पंडित तरुण भट्टाचार्य (कोलकाता) – संतूर वादन

  • राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान 2024: साधना परमार्थिक संस्थान समिति, मण्डलेश्वर

  • राजा मानसिंह तोमर सम्मान 2025: रागायन संगीत समिति, ग्वालियर

इन सम्मानों के साथ ग्वालियर फिर से शास्त्रीय संगीत की विशाल परंपरा का केंद्र बनने जा रहा है, जहाँ सुर–साधना और आध्यात्मिक संगीत का अद्वितीय सम्मिलन देखने को मिलेगा।


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