चक्रवात दित्वाह से तबाह श्रीलंका की मदद में भारत सबसे आगे, नौसेना–वायुसेना और एनडीआरएफ की संयुक्त राहत मुहिम जारी

नई दिल्ली, 1 दिसंबर। चक्रवात दित्वाह से उत्पन्न भीषण बाढ़ और विनाश का सामना कर रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, तीन दिनों से जारी विशेष ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत अब तक 53 टन राहत सामग्री भेजी गई है, 150 से अधिक विदेशी नागरिकों को बचाया गया, और 2,000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया गया।

भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा कदम—आईएनएस विक्रांत की तैनाती
भारत ने श्रीलंका में व्यापक बचाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए अपने नवीनतम और अत्याधुनिक विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को तैनात किया है। यह पहली बार है जब किसी प्राकृतिक आपदा में तत्काल राहत के लिए भारत ने अपनी एयरक्राफ्ट कैरियर क्षमताओं को सक्रिय रूप से उपयोग में लिया है।
आईएनएस विक्रांत पर तैनात चेतक हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने संयुक्त रूप से कई बार एयरलिफ्ट मिशन चलाए, जिनमें गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बुजुर्गों और गंभीर घायलों सहित फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

150 से अधिक लोगों की जान बचाई—कई देशों के नागरिक शामिल
विदेश मंत्रालय के अनुसार, बचाए गए नागरिक केवल भारतीय नहीं थे बल्कि जर्मनी, स्लोवेनिया, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, पोलैण्ड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित कई देशों के लोग भी शामिल थे।
यह अभियान एक बार फिर भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और वैश्विक मानवीय दायित्वों की भावना का उदाहरण बन गया है।

फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का बड़ा अभियान
भारी बारिश और चक्रवात के कारण श्रीलंका में फंसे हुए 2,000 से अधिक भारतीयों को
▪ भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों
▪ तथा वाणिज्यिक उड़ानों
के जरिए सुरक्षित भारत लाया गया।

इन लोगों में बड़ी संख्या में छात्र, आईटी पेशेवर, व्यापार से जुड़े लोग और पर्यटक शामिल थे।

53 टन राहत सामग्री भेजी—तेजी से प्रतिक्रिया का उदाहरण
भारत ने श्रीलंका को आपातकालीन राहत देने में किसी प्रकार की देरी नहीं की।
भेजी गई सामग्री में शामिल है:

खाद्य सामग्री

पीने का पानी

दवाइयाँ

टेंट और अस्थायी आश्रय

बचाव उपकरण

शुरुआती चरण में भारतीय नौसेना के दो जहाजों ने 9.5 टन राशन कोलंबो पहुंचाया।
इसके बाद भारतीय वायुसेना के तीन विमानों के जरिए 31.5 टन अतिरिक्त राहत सामग्री एयरलिफ्ट की गई।

इसके साथ ही:

एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय स्पेशल यूएसएआर टीम

5 सदस्यीय मेडिकल टीम

आईएनएस सुकन्या से 12 टन अतिरिक्त राहत
भी श्रीलंका भेजी गई।

भारत ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि:

“ज़रूरत के समय में श्रीलंका के लोगों के साथ भारत मजबूती से खड़ा है। हम राहत, बचाव और सामान्य स्थिति बहाल करने के हर प्रयास में सहयोग करते रहेंगे।”

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