दुर्घटना-संभावित क्षेत्रों, धुंध, पशुओं और आपात मार्ग परिवर्तनों पर यात्रियों को तुरंत चेतावनी मिलेगी
एनएचएआई और जियो के बीच समझौता: मोबाइल आधारित अलर्ट सिस्टम लागू होगा
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत एनएचएआई ने रिलायंस जियो के साथ मिलकर मोबाइल आधारित सुरक्षा अलर्ट सिस्टम शुरू करने के लिए समझौता किया है। इस प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहे उपयोगकर्ताओं को ऐसे क्षेत्रों के पास पहुंचते ही चेतावनी संदेश प्राप्त होंगे, जहां दुर्घटनाओं की आशंका हो या सड़क की स्थिति जोखिमपूर्ण हो।
यह सिस्टम यात्रियों को:
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों,
धुंध वाले इलाकों,
आवारा पशुओं की मौजूदगी वाले स्थानों,
और आपातकालीन मार्ग परिवर्तनों
के बारे में समय रहते अलर्ट प्रदान करेगा, जिससे समय पर निर्णय लेकर दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
एसएमएस, व्हाट्सऐप और प्राथमिकता कॉल के माध्यम से भेजे जाएंगे अलर्ट
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक यह सिस्टम यात्रियों को मोबाईल फोन पर तीन माध्यमों से तुरंत चेतावनी देगा—
एसएमएस
व्हाट्सऐप
उच्च प्राथमिकता वाले कॉल
उपयोगकर्ता जैसे ही किसी जोखिम क्षेत्र के करीब पहुंचेंगे, उन्हें यह अलर्ट स्वतः मिल जाएगा। इससे ड्राइवर को सावधानी बरतने, गति नियंत्रित करने या वैकल्पिक मार्ग चुनने में मदद मिलेगी।
यह प्रणाली एनएचएआई के डिजिटल प्लेटफॉर्म:
‘राजमार्ग यात्रा’ मोबाइल एप
और आपातकालीन हेल्पलाइन 1033
के साथ चरणबद्ध तरीके से जोड़ी जाएगी, ताकि एकीकृत रूप से सुरक्षा प्रबंधन मजबूत हो सके।
जियो नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं को तुरंत लाभ
यह ऑटोमेटेड सिस्टम प्रारंभिक रूप से जियो नेटवर्क उपयोगकर्ताओं के लिए सक्रिय होगा। जैसे ही कोई जियो उपभोक्ता खतरनाक क्षेत्र की सीमा में प्रवेश करेगा, उसके मोबाइल पर तुरंत सुरक्षा चेतावनी प्राप्त होगी।
इससे राजमार्ग पर चलने वाले यात्रियों को:
मौसम संबंधी जोखिम
धुंध
सड़क पर मौजूद पशु
दुर्घटनाओं की संभावना
और अचानक हुए मार्ग परिवर्तन
के बारे में पहले से जानकारी मिल सकेगी।
एनएचएआई अध्यक्ष का बयान: ‘रोड सेफ्टी में बड़ा परिवर्तन’
एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा कि:
“यह पहल राजमार्ग यात्रियों को विश्वसनीय और समय पर जानकारी देने का बड़ा कदम है। इससे सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और तकनीक आधारित सड़क सुरक्षा प्रबंधन के नए मानक स्थापित होंगे।”
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए दुर्घटनाओं में कमी लाना और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना एनएचएआई की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।
रिलायंस जियो का बयान: ‘यात्रा होगी अधिक सुरक्षित और सूचित’
रिलायंस जियो के अध्यक्ष ज्योतिंद्र ठाकुर ने बताया कि:
“जियो के व्यापक नेटवर्क का उपयोग कर यह प्रणाली समय पर सुरक्षा अलर्ट भेजेगी। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा अधिक सुरक्षित, सतर्क और जानकारीपूर्ण होगी।”
उन्होंने कहा कि तकनीक का यह उपयोग सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां नियमित रूप से जोखिम बना रहता है।
पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत: जोखिम क्षेत्रों का चयन
एनएचएआई ने बताया कि इस प्रणाली का पहला चरण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा।
पहले चरण में:
जोखिम क्षेत्रों की पहचान
अलर्ट भेजने की सीमा तय करना
और आवश्यक डेटा इंटीग्रेशन
पर ध्यान दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
मध्यप्रदेश में अब जनता चुनेगी नगर पालिका और परिषद अध्यक्ष: विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित
एंटी ड्रोन तकनीक से और मजबूत होगी सीमा सुरक्षा: घुसपैठ और तस्करी पर अब बीएसएफ की कड़ी नजर
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/12/02/nhai-2025-12-02-21-19-38.jpg)