छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र सीमा पर संयुक्त ऑपरेशन के दौरान शहादत, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
भोपाल। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों के साथ बुधवार को हुई भीषण मुठभेड़ में हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा शहीद हो गए। एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजीपी पंकज श्रीवास्तव ने पुष्टि करते हुए बताया कि यह संयुक्त अभियान मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की पुलिस और विशेष बलों द्वारा चलाया जा रहा था। तीनों राज्यों के सीमावर्ती जंगलों में बोर तालाब के पास नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। पुलिसबल जैसे ही इलाके में पहुंचा, नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे निरीक्षक आशीष शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा की वीरता और अदम्य साहस की चर्चा पूरे पुलिस बल में रही है। वे पहले भी नक्सल विरोधी अभियानों में शानदार प्रदर्शन कर चुके थे और भारत सरकार द्वारा दो बार वीरता पदक से सम्मानित हो चुके थे। बुधवार की इस कार्रवाई में भी वे प्रथम पंक्ति में रहकर ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निरीक्षक आशीष शर्मा की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में आशीष शर्मा का सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय रहेगा। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आशीष ने अद्वितीय साहस, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता का प्रदर्शन किया, ऐसी शहादत को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि शहीद आशीष शर्मा के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी जाएगी तथा परिवार को शासन के नियमों के अनुसार सभी सहायता प्रदान की जाएगी।
गाडरवाड़ा के बोहानी गांव के थे मूल निवासी, बहादुरी के लिए मिला था प्रमोशन
निरीक्षक आशीष शर्मा मूल रूप से नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा तहसील के बोहानी गांव के रहने वाले थे। उनका चयन 2016 में उपनिरीक्षक के पद पर हुआ था। उससे पहले वे इंटेलिजेंस विभाग में आरक्षक के रूप में तैनात थे। नक्सल विरोधी अभियानों में उनके साहसिक प्रदर्शन को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर हॉक फोर्स का हिस्सा बनाया था।
उनकी शहादत की खबर मिलते ही नरसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप भूरिया सहित कई अधिकारी बोहानी गांव के लिए रवाना हो गए। अधिकारियों ने बताया कि आशीष के परिवार को आधिकारिक सूचना अभी नहीं दी गई है, केवल उनके छोटे भाई को बताया गया है, जो पार्थिव शरीर लेने बालाघाट के लिए निकल चुके हैं। गुरुवार सुबह पार्थिव शरीर बोहानी गांव लाया जाएगा।
अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं मुख्यमंत्री, गांव में तैयारियां शुरू
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप भूरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं। इस संभावना को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बोहानी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के ग्राउंड का निरीक्षण कलेक्टर, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया, जहां हेलीपैड बनाए जाने की तैयारी है। गांव में शोक का माहौल है, लोग शहीद के अंतिम दर्शनों का इंतजार कर रहे हैं।
नक्सल विरोधी अभियान में बड़ा नुकसान, लेकिन मनोबल अडिग
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम नक्सलियों के विरुद्ध लंबे समय से लगातार कार्रवाई कर रही है। बोर तालाब के जंगलों में यह अभियान एक बड़ी रणनीतिक कार्रवाई थी, जिसमें नक्सलियों की मौजूदगी की अहम जानकारी मिलते ही तीनों राज्यों की टीमें संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन में जुटीं।
निरीक्षक आशीष शर्मा की शहादत इस अभियान के लिए बड़ा नुकसान है, लेकिन पुलिस और विशेष बलों का मनोबल कायम है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई और तेज होगी, और शहीद निरीक्षक की वीरता इस अभियान को और प्रेरणा देगी।
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