SCO बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर का सख्त संदेश: आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की मांग, पुतिन से की मुलाकात—अंग्रेजी को SCO की आधिकारिक भाषा बनाने पर भी जोर
रूस की मेजबानी में मॉस्को में हुई महत्वपूर्ण बैठक, भारत ने कश्मीर और दिल्ली हमलों का मुद्दा दृढ़ता से उठाया
मॉस्को में पुतिन से मुलाकात, SCO बैठक में भारत का सख्त रुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मिले। यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान हुई, जहाँ भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना स्पष्ट और कड़ा रुख दुनिया के सामने रखा।
जयशंकर ने पुतिन के साथ हुई चर्चा में भारत-रूस संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।
“आतंकवाद के लिए कोई बहाना नहीं”—जयशंकर का कड़ा संदेश
SCO बैठक में जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद के लिए कोई औचित्य या बहाना स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और आतंकवाद के खिलाफ हर संभव कदम उठाएगा।
उन्होंने याद दिलाया कि SCO की स्थापना ही आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के उद्देश्य से हुई थी। आज जब वैश्विक खतरों का दायरा बढ़ रहा है, तब संगठन को और अधिक मजबूती से काम करने की आवश्यकता है।
भारत ने उठाए हालिया हमलों का मुद्दा—पहलगाम और दिल्ली ब्लास्ट का जिक्र
Speaking at the inauguration of Consulates General of India in Yekaterinburg and Kazan in Russia.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 19, 2025
🇮🇳 🇷🇺
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जयशंकर ने मंच से दो बड़े आतंकी हमलों का उल्लेख किया
कश्मीर के पहलगाम हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई।
दिल्ली के लालकिला क्षेत्र में कार ब्लास्ट, जिसमें 15 लोगों की जान गई।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं ने भारत ही नहीं, पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा की है। इसलिए SCO को आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनानी चाहिए।
SCO में आधुनिकता और सुधार पर जोर,अंग्रेजी भाषा को जोड़ने की मांग
जयशंकर ने संगठन में संरचनात्मक सुधार की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है, इसलिए SCO को भी समय के अनुरूप बदलना होगा।
उन्होंने प्रस्ताव रखा कि अंग्रेजी को SCO की तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किया जाए।
वर्तमान में संगठन में केवल रूसी और चीनी भाषा का उपयोग होता है।
जयशंकर ने कहा कि निर्णय को अब और टाला नहीं जाना चाहिए, क्योंकि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय संवाद की प्रमुख भाषा है और इससे सदस्य देशों के बीच सहयोग और संवाद आसान होगा।
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वैश्विक आर्थिक संकट और सप्लाई चेन पर चिंता
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया इस समय आर्थिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। सप्लाई चेन लगातार खतरे में हैं, जिससे कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है।
भारत कई SCO देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर काम कर रहा है, ताकि व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया जा सके और परस्पर निर्भरता बढ़ाई जा सके।
संस्कृति, मानवता और सहयोग ,भारत ने फिर दिखाया नेतृत्व
जयशंकर ने सांस्कृतिक संबंधों पर बोलते हुए कहा कि भारत और SCO देशों के बीच सदियों पुराने रिश्ते हैं। उन्होंने बताया कि भारत कई देशों में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनियां आयोजित कर चुका है।
भारत महामारी के समय भी SCO देशों के साथ खड़ा रहा।
भारत ने वैक्सीन, दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण भेजकर सहयोग किया, जिसका कई देशों ने आभार व्यक्त किया।
मंगोलिया और कतर के प्रधानमंत्रियों से भी की मुलाकात
SCO बैठक समाप्त होने के बाद जयशंकर ने मंगोलिया और कतर के प्रधानमंत्रियों से भी द्विपक्षीय वार्ता की। इन मुलाकातों में ऊर्जा, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा हुई।
रूस की मेजबानी पर जयशंकर ने जताया आभार
बैठक की मेजबानी रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने की। जयशंकर ने रूस का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा और सामूहिक सहयोग को नई दिशा देगा।
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