नई दिल्ली: राष्ट्र निर्माण में योगदान को किया गया स्मरण
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर गुरुवार को राजनीतिक दलों की सीमाओं से ऊपर उठकर नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नई दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कार्यक्रमों और सोशल मीडिया संदेशों के माध्यम से उनके आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत योगदान को याद किया गया। नेताओं ने उन्हें एक ऐसे राजनेता के रूप में स्मरण किया, जिनकी पहचान सादगी, ईमानदारी और दूरदर्शी सोच रही।
खरगे का संदेश: परिवर्तनकारी राष्ट्रनिर्माता
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर साझा संदेश में कहा कि मनमोहन सिंह भारत के राष्ट्र निर्माण में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने वाले नेता थे। उन्होंने आर्थिक सुधारों के माध्यम से देश की दिशा और दशा बदली। खरगे ने कहा कि उनकी नीतियों ने करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विनम्रता, सत्यनिष्ठा और समावेशी विकास की सोच आज भी देश के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
राहुल गांधी: दूरदर्शी नेतृत्व की मिसाल
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। उन्होंने कहा कि वंचितों और गरीबों के लिए किए गए ऐतिहासिक प्रयासों और साहसिक निर्णयों ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। राहुल गांधी ने कहा कि उनका योगदान केवल नीतियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने शासन में नैतिकता और गरिमा की मिसाल पेश की।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2025
अपने दूरदर्शी नेतृत्व से उन्होंने भारत को आर्थिक रूप से सशक्त किया। देश के वंचितों और गरीबों के लिए उनके ऐतिहासिक प्रयासों और साहसिक निर्णयों ने भारत को विश्व मंच पर एक नई पहचान दिलाई।
उनकी… pic.twitter.com/wlsxbeWrlj
प्रियंका गांधी: सादगी और गरिमा का प्रतीक
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह समानता में विश्वास रखने वाले, दृढ़ निश्चयी और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने कहा कि उनकी सादगी, ईमानदारी और देश के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करता रहेगा। प्रियंका गांधी ने उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए भी व्यक्तिगत आडंबर से दूरी बनाए रखी।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व वित्त मंत्री एवं रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ मनमोहन सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 26, 2025
डॉ मनमोहन सिंह जी समानता में विश्वास रखने वाले, दृढ़ निश्चयी, साहसी और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व की मिसाल थे, जो सच्चे अर्थों में देश की प्रगति के लिए समर्पित… pic.twitter.com/I0TG9Gr2wd
योगी आदित्यनाथ की श्रद्धांजलि: विकास में अमूल्य योगदान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मनमोहन सिंह को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित महान व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके कार्यकाल में लिए गए कई निर्णयों का प्रभाव आज भी देश की अर्थव्यवस्था में दिखाई देता है।
पूर्व प्रधानमंत्री, 'पद्म विभूषण' डॉ. मनमोहन सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 26, 2025
वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के विकास में अमूल्य योगदान दिए।
अन्य मुख्यमंत्रियों और नेताओं की प्रतिक्रिया
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित कई नेताओं ने भी मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। सभी नेताओं ने उनके शांत स्वभाव, प्रशासनिक दक्षता और राष्ट्रहित में लिए गए फैसलों को याद किया।
शिक्षा से अर्थनीति तक का प्रेरक सफर
26 सितंबर 1932 को पंजाब में जन्मे मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया और 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की उपाधि हासिल की। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उन्हें भारत के सबसे प्रख्यात अर्थशास्त्रियों में स्थान दिलाया।
प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में योगदान
मनमोहन सिंह देश के 13वें प्रधानमंत्री और 24वें वित्त मंत्री रहे। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाया, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को स्थिरता, सामाजिक कल्याण योजनाओं और वैश्विक स्तर पर भारत की साख मजबूत करने के लिए जाना जाता है।
अंतिम विदाई और विरासत
26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में उम्रजनित समस्याओं के कारण उनका निधन हुआ। उनकी पहली पुण्यतिथि पर देश ने एक बार फिर यह स्वीकार किया कि मनमोहन सिंह केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि विचार, नीति और नैतिकता की विरासत छोड़कर गए हैं। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।
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