भारत की ब्रह्मोस मिसाइल अब और ताकतवर बनने जा रही है

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 6 एयरबेस को तबाह करने के बाद भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल पूरी दुनिया में चर्चा में आ गई है। अब यह मिसाइल पहले से ज्यादा खतरनाक और ताकतवर बनने वाली है।

भारत की मारक क्षमता अब 800 किमी तक पहुंचने को तैयार, 2027 तक अपग्रेड रेंज  वाली ब्रह्मोस मिसाइल से होगा लैस – Money9live

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज, रफ्तार और मारक क्षमता तीनों को और बेहतर किया जा रहा है। अभी ब्रह्मोस की रेंज करीब 300 किलोमीटर है, लेकिन नए वर्जन में इसे 450 किलोमीटर, 600 किलोमीटर और 800 किलोमीटर तक बढ़ाने पर काम चल रहा है। अगर 800 किलोमीटर रेंज वाला वर्जन तैयार हो जाता है, तो दिल्ली से ही पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को निशाना बनाया जा सकेगा। दिल्ली और इस्लामाबाद की दूरी करीब 700 किलोमीटर है।

हल्का ब्रह्मोस भी होगा तैयार

भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस का हल्का वर्जन भी बनाया जा रहा है। यह खास वर्जन सुखोई SU-30 MKI लड़ाकू विमान के नीचे लगाया जाएगा। जमीन और समुद्र से दागी जाने वाली ब्रह्मोस का वजन करीब 3 टन होता है, लेकिन वायुसेना के लिए इसे घटाकर ढाई टन किया जा रहा है। इस हल्के वर्जन को प्रोजेक्ट डिजाइन बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है और अब यह अगले चरण में पहुंच गया है।

कब होगा नया टेस्ट?

फिलहाल ज्यादा रेंज वाली ब्रह्मोस के ग्राउंड ट्रायल की तैयारी चल रही है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि यह नया वर्जन अगले 3 साल में पूरी तरह तैयार हो सकता है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो 2027 के अंत तक पहला परीक्षण किया जा सकता है।

दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में शामिल

ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज और खतरनाक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। यह ‘दागो और भूल जाओ’ तकनीक पर काम करती है। इसकी रफ्तार मैक-3 है, यानी आवाज की रफ्तार से करीब तीन गुना तेज। इतनी तेज होने की वजह से दुश्मन का रडार इसे समय पर पकड़ नहीं पाता।

MTCR के बाद बढ़ी रेंज

भारत 2016 में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) का सदस्य बना था। इस संगठन में 35 देश शामिल हैं। MTCR के नियमों के कारण पहले ब्रह्मोस की रेंज 300 किलोमीटर तक ही सीमित थी। लेकिन सदस्य बनने के बाद भारत को इसकी रेंज बढ़ाने की अनुमति मिल गई और तभी से नए वर्जन पर काम शुरू हुआ।

K-4 मिसाइल का भी सफल परीक्षण

इस बीच, 23 दिसंबर को भारत ने बंगाल की खाड़ी में परमाणु क्षमता वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
इस मिसाइल को परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात से लॉन्च किया गया। K-4 मिसाइल की रेंज करीब 3500 किलोमीटर है।

यह मिसाइल 2 टन तक का परमाणु वॉरहेड ले जाने में सक्षम है।
इसके साथ ही भारत अब जमीन, हवा और समुद्र  तीनों से परमाणु हथियार लॉन्च करने में सक्षम हो गया है।
K-सीरीज की मिसाइलों में “K” अक्षर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में रखा गया है, जिनका भारत के मिसाइल कार्यक्रम में बहुत बड़ा योगदान रहा है।

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