रामदेवरा दर्शन के लिए रवाना श्रद्धालुओं का वाहन ट्रेलर से भिड़ा, कई घायल, क्षेत्र में मातम

राजस्थान के जोधपुर–बालेसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की सुबह एक भयावह सड़क हादसे ने कई परिवारों की खुशियों को पलभर में मातम में बदल दिया। गुजरात के बनासकांठा और धनसुरा क्षेत्र से रामदेवरा दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं का वाहन एक अनाज से भरे ट्रेलर से ज़ोरदार भिड़ंत के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई तथा कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में तीन महिलाएं, एक पुरुष तथा तीन नाबालिग बच्चे शामिल हैं, जिसने इस हादसे को और भी हृदयविदारक बना दिया।

सुबह के धुंधलके में हुआ हादसा, वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त

पुलिस के अनुसार टेंपो में कुल बीस श्रद्धालु सवार थे और वाहन सुबह लगभग पाँच बजे खारी बेरी गाँव के पास जोधपुर की ओर बढ़ रहा था। इसी दौरान अनाज से भरे ट्रेलर से उसकी सीधी टक्कर हो गई। टकराव इतना भीषण था कि टेंपो का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया और कई श्रद्धालु उसमें बुरी तरह फँस गए।

स्थानीय ग्रामीणों ने आवाज़ सुनते ही तत्परता दिखाते हुए संपर्क साधा और राहत तथा बचाव कार्य शुरू किया गया। पुलिस टीम भी तुरंत घटनास्थल पहुँची। तीन महिलाओं की मौत वहीं पर हो गई। घायलों को तत्काल बालेसर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल लोगों को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल स्थानांतरित किया गया।

उपचार के दौरान तीन और लोगों की मौत, कई अब भी ज़िंदगी से जंग लड़ रहे

अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि उपचार के दौरान तीन और घायलों की जान नहीं बचाई जा सकी, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई। कुल चौदह घायलों का उपचार जारी है, जिनमें कुछ यात्रियों की हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन की ओर से चिकित्सकीय संसाधन और आपात सेवाएँ तत्परता से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मृतकों की पहचान और उनके गृह क्षेत्र में शोक का माहौल

दुर्घटना में जान गंवाने वालों की पहचान इस प्रकार हुई है:

केशाभाई कोह्याभाई वालंद (उम्र 65, पुँसरी, तालुका तलोद, ज़िला साबरकांठा)

प्रीतेश भरतभाई प्रजापति (टेंपो चालक, उम्र 23, प्रजापतिवास पुँसरी, तालुका तलोद, ज़िला साबरकांठा)

लोगलभाई कालूसिंह परमार (उम्र 39, रुघनाथपुरा, धनसुरा, ज़िला अरवल्ली)

नव्या कालूसिंह परमार (उम्र 3 वर्ष, रुघनाथपुरा, धनसुरा, ज़िला अरवल्ली)

जीनल प्रवीणभाई परमार (उम्र 12, रुघनाथपुरा, धनसुरा, ज़िला अरवल्ली)

कृष्णा परमार (उम्र 9 वर्ष, रुघनाथपुरा, धनसुरा, ज़िला अरवल्ली)

इन बच्चों की मौत की खबर ने आम जन और प्रशासन, दोनों को झकझोर दिया है। जिस वाहन में वे सवार थे, वही उनका अंतिम सफ़र बन गया। इस अप्रत्याशित दुर्घटना की सूचना मिलते ही दोनों ज़िलों में शोक की लहर दौड़ गई और प्रभावित परिवारों के घरों में मातम का माहौल है।

हादसे की वजह पर पुलिस जांच जारी, लापरवाही की आशंका

बालेसर पुलिस स्टेशन के अधिकारी मूलसिंह भाटी ने बताया कि राहत कार्य समाप्त होने के बाद वाहन क्षतिग्रस्त अवशेषों और सड़क स्थिति का निरीक्षण किया जा रहा है। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार वाहन की तेज गति, रात का धुंधलका या मानवीय गलती इस दुर्घटना का कारण हो सकती है। हालांकि पुलिस ने साफ कहा कि अंतिम निष्कर्ष जांच के बाद ही सामने आएगा।

लगातार बढ़ते सड़क हादसे और सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा सड़क सुरक्षा से जुड़े पुराने सवालों को पुनः केंद्र में ला रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारी वाहन परिवहन, धुंधला मौसम, तेज गति और चालकों की थकान की स्थिति स्थिति को और जोखिमपूर्ण बना देती है। श्रद्धालुओं की यात्रा का उद्देश्य धार्मिक और भावनात्मक था, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम, सुरक्षित ड्राइविंग और आराम की उपेक्षा अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनती है।

परिवहन विभाग, पुलिस प्रशासन और स्थानीय निकायों को इस दिशा में गहन चिंतन के साथ ठोस उपाय करने की आवश्यकता है ताकि मानव जीवन की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

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