मुंबई में विकास की लहर, विपक्ष में बेचैनी का माहौल : प्रदीप भंडारी

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने मुंबई महानगरपालिका चुनावों से पहले शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संभावित गठबंधन को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। भाजपा का कहना है कि यह गठबंधन किसी विचारधारा या जनहित का नहीं, बल्कि “हार के भय” का परिणाम है। पार्टी के अनुसार, दो परिवारवादी दलों का एक मंच पर आना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उन्हें मुंबई की जनता में अपनी घटती पकड़ का आभास हो चुका है।

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि मुंबई में इस समय विकास की एक मजबूत और स्पष्ट लहर चल रही है। जनता एनडीए और भाजपा के विकास-केंद्रित एजेंडे के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे, पारदर्शी प्रशासन और स्थिर शासन को लेकर भाजपा की नीतियों को मुंबईकरों का समर्थन मिल रहा है, और यही कारण है कि अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए परिवारवादी दल गठबंधन का सहारा ले रहे हैं।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि मुंबई की जनता अब राजनीति में नाटक और अवसरवाद नहीं, बल्कि ठोस विकास कार्य चाहती है। उन्होंने दावा किया कि महानगरपालिका चुनावों में मतदाता पारदर्शिता, जवाबदेही और दीर्घकालिक विकास को प्राथमिकता देने जा रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता के अनुसार, विपक्षी दलों को यह भली-भांति समझ आ चुका है कि वे अकेले चुनावी मैदान में टिक नहीं पाएंगे, इसलिए गठबंधन की राजनीति की जा रही है।

मुंबई के संदर्भ से आगे बढ़ते हुए भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल की स्थिति को भी गंभीर और चिंताजनक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के शासन में लोकतांत्रिक विरोध को दबाया जा रहा है और हिंदुओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जा रहा है। भंडारी ने कहा कि सामने आए वीडियो और तस्वीरें न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा कर रही हैं और यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

उन्होंने विपक्षी दलों पर हिंदुओं के खिलाफ हो रही कथित हिंसा को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। भंडारी ने कहा कि ममता बनर्जी और राहुल गांधी जैसे नेता अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, विशेषकर गाजा की घटनाओं पर खुलकर बयान देते हैं, लेकिन जब बात देश में हिंदुओं पर हो रही कथित बर्बरता की आती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने इसे “चयनात्मक संवेदनशीलता” करार देते हुए दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस समय यह मुद्दा राजनीति से ऊपर उठकर मानवता से जुड़ा हुआ है और पूरे विपक्ष को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे सामाजिक संतुलन और लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा है। भंडारी ने पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की कि हिंदुओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का लोकतांत्रिक अधिकार दिया जाए और उन पर बल प्रयोग तुरंत बंद किया जाए।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पश्चिम बंगाल में यह कथित अन्याय जारी रहा, तो भाजपा हर बंगाली हिंदू के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी। इसके साथ ही भंडारी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुई कथित नृशंस हत्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन घटनाओं से पूरा देश आक्रोशित है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ी है।

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि उसमें एक हिंदू की लिंचिंग को ‘एक्शन–रिएक्शन’ बताकर कथित रूप से उसका औचित्य सिद्ध करने की कोशिश की गई। उन्होंने इस बयान को असंवेदनशील और हिंसा को बढ़ावा देने वाला करार दिया। भंडारी ने आरोप लगाया कि इस गंभीर मुद्दे पर राहुल गांधी विदेश में रहते हुए मौन साधे हुए हैं, जो विपक्ष की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।

भाजपा ने स्पष्ट किया कि वह मुंबई हो या पश्चिम बंगाल, हर जगह विकास, लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के पक्ष में मजबूती से खड़ी रहेगी और किसी भी प्रकार की तुष्टिकरण या परिवारवादी राजनीति का विरोध करती रहेगी।

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