शांति, सद्भाव और सेवा के मूल्यों को अपनाने का किया आह्वान
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पवित्र पर्व समाज में शांति, सद्भाव, समानता और सेवा जैसे मानवीय मूल्यों को और अधिक सुदृढ़ करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और प्रेम का सार्वभौमिक संदेश है, जो सभी समुदायों और वर्गों को जोड़ने का कार्य करता है।
#राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने #क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोगों को बधाई दी है। एक संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि क्रिसमस खुशी और उल्लास का पर्व है जो प्रेम और अरूणा का संदेश देता है।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) December 24, 2025
उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें मानवता की सेवा के लिए ईशा मसीह के बलिदान की याद दिलाता है। pic.twitter.com/wHgSlVO6in
राष्ट्रपति ने कहा कि उल्लास और उमंग से भरा यह पर्व प्रेम और करुणा का संदेश देता है तथा हमें मानवता के कल्याण के लिए प्रभु यीशु मसीह द्वारा किए गए त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का जीवन और उनके उपदेश हमें यह सिखाते हैं कि सेवा, क्षमा और दया के मार्ग पर चलकर ही एक बेहतर और समरस समाज का निर्माण किया जा सकता है।
अपने संदेश में राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत विविधताओं से भरा देश है, जहां अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। ऐसे में क्रिसमस जैसे पर्व आपसी भाईचारे और सौहार्द को मजबूत करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील बनने, जरूरतमंदों की सहायता करने और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए आगे आने की प्रेरणा देता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों से प्रभु यीशु मसीह द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान करते हुए कहा कि दया, सौहार्द और पारस्परिक भाईचारे को बढ़ावा देने वाला समाज ही सच्चे अर्थों में प्रगति की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब दुनिया कई तरह की चुनौतियों और तनावों से गुजर रही है, तब प्रेम और करुणा के संदेश को आत्मसात करना और भी अधिक आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि क्रिसमस का पर्व हमें आत्मचिंतन का अवसर देता है, ताकि हम अपने आचरण और कर्तव्यों पर विचार कर सकें और समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर ढंग से निभाने का संकल्प ले सकें। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पर्व देशवासियों के जीवन में नई आशा, सकारात्मक ऊर्जा और शांति लेकर आएगा।
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