हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी का खास महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत खास महत्व है और किसी खास अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की रीत है। धार्मिक मान्यता है की विधि पूर्वक पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से साधक को सभी मुसीबत से मुक्ति मिलती है और सुख शांति की वृद्धि होती है।
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पौष पुत्रदा एकादशी और शुभमुहूर्त
वैदिक पंचांग के हिसाब से पौष महीने की एकादशी का दिन 30 दिसंबर को सुबह 7:50 पर शुरुआत होगी और 31 दिसंबर को सुबह 5:00 बजे यह तिथि खत्म होगी ऐसे में 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी का उपवास किया जाएगा और व्रत के साथ 31 दिसंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।
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पौष पुत्र थे एकादशी के व्रत
एकादशी का व्रत पारण उसके दूसरे दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाएगा एकादशी का उपवास का पारण करने का समय 31 दिसंबर को दोपहर करीब 1:00 बज कर 29 मिनट से लेकर 3:33 तक रहेगा।
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