विधानसभा में कोडीन कफ सिरप प्रकरण पर सियासी घमासान, सरकार ने विपक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
लखनऊ, 22 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को कोडीन कफ सिरप प्रकरण को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष और अन्य सदस्यों द्वारा मामला उठाए जाने के बाद सदन का माहौल गर्म हो गया। नेता सदन Yogi Adityanath ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया और आरोपों के समर्थन में सदन के पटल पर तस्वीरें और तथ्यों को सार्वजनिक किया।
#WATCH लखनऊ: कोडिन कफ सिरप मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "विभोर राणा को लाइसेंस समाजवादी पार्टी ने दिया था। आलोक सिपाही (इस मामले में एक आरोपी) की अखिलेश यादव के साथ कुछ गिफ्ट देते हुए तस्वीरें वायरल हुई थीं... हमने NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की है,… pic.twitter.com/GJpHoE5546
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2025
सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री का आक्रामक रुख
दोपहर बाद वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी दोबारा सदन पहुंचे और कोडीन कफ सिरप प्रकरण में सरकार का विस्तृत पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले का मुख्य सूत्रधार आलोक सिपाही समाजवादी पार्टी से जुड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही आलोक सिपाही को सेवा से बर्खास्त कर दिया था, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया।
अखिलेश के साथ आरोपित की फोटो दिखाकर लगाए राजनीतिक संबंधों के आरोप
मुख्यमंत्री योगी ने सदन में एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि एक अन्य प्रमुख आरोपित अमित यादव समाजवादी पार्टी प्रमुख Akhilesh Yadav के साथ फोटो में दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि अमित यादव समाजवादी पार्टी की युवजन सभा से जुड़ा रहा है और उसके संगठनात्मक संबंध पार्टी से रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभोर राणा का लाइसेंस भी समाजवादी सरकार के कार्यकाल में जारी किया गया था, जिससे पूरे नेटवर्क की राजनीतिक पृष्ठभूमि स्पष्ट होती है।
एसआईटी जांच और एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत कराया कि कोडीन कफ सिरप प्रकरण की जांच पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल द्वारा की जा रही है। यह पूरा मामला एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है और अब तक की कार्रवाई को न्यायालय ने भी सही ठहराया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार इस प्रकरण में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
छापेमारी, मुकदमे और गिरफ्तारियों के आंकड़े सदन में पेश
सरकारी आंकड़े प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि अब तक 332 फर्मों पर छापे मारे जा चुके हैं। इनमें से 136 फर्मों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 77 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई किसी राजनीतिक दबाव में नहीं बल्कि कानून के तहत की जा रही है।
अवैध नेटवर्क और वित्तीय लेन-देन का खुलासा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जांच में यह सामने आया है कि इस नेटवर्क के अन्य किंग पिन शुभम जायसवाल के समाजवादी पार्टी से संबंध रहे हैं। शुभम जायसवाल और अमित यादव के बीच व्यापारिक साझेदारी रही है, जबकि मिलिंद यादव इस गठजोड़ का अहम हिस्सा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मिलिंद यादव का मोबाइल नंबर शैली ट्रेडर्स के नाम से जीएसटी पंजीकरण में दर्ज है और अमित व मिलिंद यादव के खातों से शैली ट्रेडर्स के खाते में संदिग्ध वित्तीय लेन-देन हुआ है।
विदेश यात्रा और अन्य आरोपों का भी जिक्र
मुख्यमंत्री योगी ने सदन में यह भी कहा कि अमित यादव ने वर्ष 2024 में दुबई की यात्रा की थी, जिसकी जांच एजेंसियां गहराई से पड़ताल कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोज यादव, राजीव यादव और मुकेश यादव भी कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में शामिल हैं। विपक्ष के हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी से जुड़े आरोपितों पर कार्रवाई होती है, तब सपा के लोग सबसे ज्यादा शोर मचाते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि सरकार कितनी सख्ती से कानून लागू करती है।
यूपी में कोडीन कफ सिरप उत्पादन नहीं होने का दावा
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों के जवाब में स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में न तो कोडीन कफ सिरप का उत्पादन होता है और न ही इसके सेवन से प्रदेश में किसी मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला दवा के अवैध डायवर्जन, ट्रेडिंग और स्टोरेज से जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ और एफएसडीए विभाग संयुक्त रूप से इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
नमूनों की जांच और मुख्य आरोपितों के नाम सार्वजनिक
मुख्यमंत्री ने बताया कि एहतियातन एक हजार से अधिक कफ सिरप के नमूनों की जांच कराई गई है। साथ ही उन्होंने सदन के पटल पर इस प्रकरण से जुड़े मुख्य आरोपितों के नाम भी रखे और कहा कि प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है कि माफिया और अवैध कारोबारियों के संबंध किससे रहे हैं। सरकार का संकल्प है कि कानून के दायरे में रहते हुए इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाएगा।
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