अयोध्या में उल्लास, मंत्रोच्चार और दिव्य माहौल के बीच ऐतिहासिक पर्व की तैयारी पूरी
अयोध्या में आज इतिहास रचेगा ध्वजारोहण
नई दिल्ली/अयोध्या। मंगलवार का दिन अयोध्या और पूरे देश के लिए ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मंदिर के मुख्य शिखर पर पवित्र भगवा ध्वज फहराएंगे। यह ध्वजारोहण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता, वैदिक परंपरा और राष्ट्रीय गौरव के नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा।
अयोध्या इस अवसर पर उल्लास में डूबी है। शहर मंत्रोच्चार, भजन, सांस्कृतिक झांकियों और वैदिक अनुष्ठानों से गूंज रहा है।
/filters:format(webp)/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/24/ayodhya2-2025-11-24-21-20-13.jpg)
प्रधानमंत्री का अयोध्या में पूरा दिन रहेगा धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ा
25 नवंबर की सुबह प्रधानमंत्री अयोध्या में उतरेंगे, जहाँ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे।
कार्यक्रम क्रम इस प्रकार रहेगा—
सुबह लगभग 10 बजे प्रधानमंत्री सप्तमंदिर दर्शन करेंगे
(मंदिर: महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी)
इसके बाद वे शेषावतार मंदिर जाएंगे
11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा
इसके बाद राम दरबार गर्भगृह और रामलला गर्भगृह में दर्शन
दोपहर 12 बजे मुख्य शिखर पर भगवा ध्वजारोहण
ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित भी करेंगे।
ध्वजारोहण समारोह के दिन आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद
मंदिर प्रशासन के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था और अनुष्ठान की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए आज आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा।
26 नवंबर को वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे, जबकि आम श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
/filters:format(webp)/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/24/ayodhya1-2025-11-24-21-20-56.jpg)
शुभ पंचमी का दिव्य संयोग
यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष पंचमी पर हो रहा है:
यह तिथि श्रीराम और माता सीता की विवाह पंचमी का अभिजीत मुहूर्त है, जिसे दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है।
इसी दिन गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस भी है।
कहा जाता है कि उन्होंने अयोध्या में 48 घंटे ध्यान किया था।
इससे इस दिन का आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
कैसा है पवित्र भगवा ध्वज?
आकार: 10 फीट ऊँचा और 20 फीट लंबा
दाएं कोण वाला त्रिकोणीय स्वरूप
ध्वज पर:
चमकता सूर्य (भगवान राम की तेजस्विता का प्रतीक)
‘ॐ’ का पवित्र चिन्ह
कोविदारा पेड़ की आकृति, जो सांस्कृतिक निरंतरता का प्रतीक है
यह ध्वज रामराज्य के आदर्शों—धर्म, गरिमा, एकता और सत्य,का संदेश देने वाला होगा।
800 मीटर का परकोटा और विविध स्थापत्य कला
मुख्य शिखर पर बने ध्वजस्तंभ के आसपास 800 मीटर लंबा परकोटा निर्मित है, जिसे दक्षिण भारतीय वास्तुकला शैली में डिजाइन किया गया है।
मुख्य मंदिर की निर्मिति उत्तर भारतीय नगरीय शैली में है, जिससे राममंदिर भारतीय स्थापत्य परंपराओं की विविधता का अद्वितीय उदाहरण बन गया है।
87 नक्काशियाँ और 79 कांस्य कथाएँ
मंदिर की बाहरी दीवारों पर:
87 पत्थर की नक्काशियाँ, जो वाल्मीकि रामायण के प्रसंगों को दर्शाती हैं
परकोटे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़ी 79 कांस्य कहानियों की कलाकृतियाँ
ये सभी दर्शनार्थियों के लिए एक जीवंत ज्ञानयात्रा का अनुभव प्रस्तुत करती हैं।
पुष्पवर्षा से होगा प्रधानमंत्री का स्वागत
प्रधानमंत्री का लगभग 1 किलोमीटर का मार्ग उत्सव जैसा सजा हुआ है
12 स्थानों पर भव्य पुष्पवर्षा
7 स्थानों पर सांस्कृतिक मंच
साकेत महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर 501 वैदिक आचार्यों और बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन
प्रधानमंत्री सप्तऋषि मंदिर और शेषावतार मंदिर में भी ध्वजारोहण करेंगे। इसके बाद वे बटन दबाकर राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज फहराएंगे।
✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
आंध्र प्रदेश में भीषण सड़क हादसा, मध्यप्रदेश के 4 श्रद्धालुओं की मौत
श्रीराम जन्मभूमि में ध्वज पूजन के साथ चौथे दिन स्नपन व अधिवास संपन्न
सुकमा में 48 लाख के ईनामी 15 माओवादी आत्मसमर्पण
दिल्ली-शामली रेल मार्ग पर दोहरीकरण के बाद दौड़ेगी नमो भारत ट्रेन
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/24/ayodhya3-2025-11-24-21-19-45.jpg)