श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मां अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर रक्षा मंत्री ने की धर्मध्वजा की स्थापना

अयोध्या, 31 दिसंबर (हि.स.)। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को भारत की आध्यात्मिक चेतना का पुनर्जागरण बताते हुए रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा कि आज प्रभु श्रीराम की आभा केवल अयोध्या तक सीमित नहीं रही, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष राममय हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि उस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने, जब प्रभु श्रीराम अपने भव्य-दिव्य मंदिर में विराजमान हुए। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और आस्था की प्राण प्रतिष्ठा थी।

रक्षा मंत्री बुधवार को Shri Ram Janmabhoomi Mandir में प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर आयोजित द्वितीय वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर विधिवत धर्मध्वजा की स्थापना कर सनातन परंपरा और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश दिया।

“नाथ आजु मैं कहा न पावा”: भावुक हुए रक्षा मंत्री

अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भावुक दिखाई दिए। उन्होंने रामचरितमानस की पंक्तियों का स्मरण करते हुए कहा, “नाथ आजु मैं कहा न पावा”, अर्थात जीवन में जो कुछ पाने की अभिलाषा थी, वह आज पूर्ण हो गई। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है मानो राघवेंद्र सरकार ने स्वयं उन्हें इस ऐतिहासिक दिन के लिए चुना हो। प्रभु श्रीराम की कृपा से यह अवसर प्राप्त होना उनके जीवन का अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण है।

उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व जब प्रभु श्रीराम की पुनर्प्रतिष्ठा हुई थी, तब वह केवल अयोध्या या किसी एक वर्ग के लिए नहीं, बल्कि समस्त भारतवासियों के लिए गौरव और आत्मसम्मान का ऐतिहासिक क्षण था। उस दिन ने सदियों की प्रतीक्षा, त्याग और संघर्ष को सार्थक कर दिया।

अयोध्या की हर गली-चौराहा राममय

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज अयोध्या की हर गली, हर चौराहा प्रभु श्रीराम की भक्ति और आस्था से ओतप्रोत है। कनक भवन, दशरथ महल, हनुमानगढ़ी और मां सरयू की पावन धारा—सब कुछ एक दिव्य आभा से आलोकित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह वही भूमि है, जिसने वर्षों तक अपमान और कष्ट सहे, लेकिन अपनी आस्था को कभी डगमगाने नहीं दिया। यही अडिग श्रद्धा आज विश्व के सामने भारत की आध्यात्मिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित हुई है।

RAJNATH SINGH
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राम मंदिर आंदोलन: दुनिया का सबसे भव्य नैरेटिव

राम मंदिर आंदोलन को दुनिया का सबसे भव्य और अद्वितीय नैरेटिव बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह आंदोलन भूगोल और समय—दोनों दृष्टियों से अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों में भी प्रभु राम को मानने वाले लोग इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़े रहे। लगभग 500 वर्षों तक चला यह अहिंसक संघर्ष विश्व इतिहास में अपनी तरह का अनोखा उदाहरण है, जिसमें आस्था, संयम और सत्य की विजय हुई।

उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में केवल एक भव्य मंदिर का निर्माण नहीं हुआ, बल्कि इसके साथ ही हवाई अड्डा, रेल संपर्क, सड़क नेटवर्क, व्यापार और उद्योग के नए द्वार खुले हैं। अयोध्या आज विकास के नए आयाम गढ़ रही है, जिसकी गूंज पूरे अवध प्रांत से लेकर देश के कोने-कोने तक सुनाई दे रही है।

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RAJNATH SINGH Photograph: (X)

डबल इंजन सरकार के नेतृत्व की सराहना

रक्षा मंत्री ने अयोध्या के समग्र विकास के लिए डबल इंजन सरकार के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री Narendra Modi और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath के प्रयासों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में अयोध्या न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में भी उभर रही है।

ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख: मर्यादा में रहकर दिया गया जवाब

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रभु श्रीराम की मर्यादा का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रभु श्रीराम ने युद्ध में भी मर्यादा और धर्म का पालन किया, उसी प्रकार भारतीय सेना ने भी सीमित, नियंत्रित और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकियों को सबक सिखाना था और भारतीय सेना ने उनके ठिकानों में घुसकर यह संदेश दे दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।

मां जानकी के जन्मस्थल पर भी भव्य मंदिर निर्माण

रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि जिस तरह अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम का दिव्य-भव्य मंदिर प्रतिष्ठित है, उसी प्रकार पुनौराधाम में मां जानकी की जन्मस्थली पर भी भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह संपूर्ण रामायण कालीन स्थलों के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ेगा।

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सनातन आस्था की धर्मध्वजा सदा लहराती रहे

अपने संबोधन के समापन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रार्थना करते हुए कहा कि जब तक गगन में चंद्र और सूर्य विद्यमान हैं, तब तक सनातन आस्था की यह धर्मध्वजा लहराती रहे। प्रभु श्रीराम हम सभी को कर्तव्य, मर्यादा और राष्ट्र सेवा का मार्ग दिखाते रहें—यही कामना है।

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