मुख्यमंत्री ने पंचायत-ग्रामीण विकास से शुरू किया मूल्यांकन, बुधवार तक जारी रहेगा विभागों का विस्तृत आकलन

भोपाल। राज्य सरकार ने मंत्रियों के कामकाज और विभागीय प्रगति की समीक्षा का सिलसिला मंगलवार से औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव लगातार विभागों की स्थितियों, योजनाओं की गति, बजट उपयोग और जमीनी क्रियान्वयन की गुणवत्ता का आकलन करेंगे। इस व्यापक समीक्षा प्रक्रिया में विभागवार मंत्री स्वयं मौजूद रहेंगे, ताकि कामकाज का प्रत्यक्ष विश्लेषण किया जा सके और आगे की दिशा तय की जा सके।

मंगलवार को समीक्षा की शुरुआत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से हुई, जिसमें मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल उपस्थित रहे। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास, पंचायतों को दिए गए अधिकार, चल रही योजनाओं और गांवों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग का मूल्यांकन किया। इस समीक्षा में विभागीय मंत्री उदय प्रताप सिंह मौजूद रहे। विभाग के भीतर स्कूलों की वास्तविक स्थिति, विद्यार्थियों की उपस्थिति, शिक्षक प्रशिक्षण, गुणवत्ता सुधार और नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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दोपहर बाद नर्मदा घाटी विकास एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा हुई। यह बैठक चार बजे से साढ़े चार बजे तक चली और इसमें मंत्री तुलसीराम सिलावट उपस्थित रहे। नर्मदा घाटी परियोजनाओं की प्रगति, सिंचाई विस्तार योजनाओं, बांध निर्माण कार्यों और जल प्रबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

इसके बाद शाम को ऊर्जा विभाग तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा की गई। इस बैठक में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और राकेश शुक्ला दोनों उपस्थित रहे। राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिरता, उत्पादन क्षमता, सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की प्रगति तथा भविष्य की ऊर्जा रणनीति पर बातचीत की गई।

बुधवार को समीक्षा का क्रम अन्य महत्वपूर्ण विभागों के साथ जारी रहेगा। इनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा कृषि एवं किसान कल्याण, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग शामिल हैं।

सरकार की यह समीक्षा प्रक्रिया व्यापक है और अन्य सभी विभागों की समीक्षा खजुराहो में होने वाली आगामी बैठक तक जारी रहेगी। इस चरणबद्ध मूल्यांकन का उद्देश्य है—सरकारी कामकाज को तेज गति देना, जमीनी समस्याओं की पहचान करना और योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना, ताकि आम नागरिकों को बेहतर परिणाम मिल सके।

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