🌡️ सर्दियों का मौसम और आंखों की बढ़ती ड्राईनेस: जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

सर्दियों का मौसम अपनी ठंडी हवा, कम नमी और तेज़ वातावरण की वजह से शरीर पर कई तरह का असर डालता है। इसी में एक बहुत आम समस्या है—आंखों में ड्राईनेस, जिसे लोग अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

ठंडी हवा आंखों की नमी को कम कर देती है। जब यह नमी लगातार घटती रहती है, तो आंखों में जलन, चुभन, लालपन और थकान महसूस होने लगती है। कई लोगों को सुबह उठते ही आंखें चिपकी हुई मिलती हैं।

आंखों की ड्राईनेस सिर्फ discomfort नहीं है, बल्कि समय रहते ध्यान न देने पर यह आंखों की रोशनी और स्वास्थ पर असर डाल सकती है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे—
✔️ सर्दियों में आई ड्राईनेस क्यों बढ़ती है
✔️ लोग कौन-सी 5 गलतियां करते हैं
✔️ बचाव के आसान घरेलू उपाय
✔️ किन लोगों को ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए


❄️ सर्दियों में आई ड्राईनेस क्यों बढ़ती है?

सर्दियों में वातावरण की नमी बहुत कम हो जाती है। हवा का तापमान नीचे आने से वातावरण में सूखापन बढ़ता है। इसी वजह से:

  • आंखों के आंसू जल्दी सुख जाते हैं

  • आंसुओं की प्रोटेक्टिव परत कम हो जाती है

  • आंखें धूल और हवा के संपर्क में जल्दी आ जाती हैं

कम आंसू + ठंडी हवा + धूल = आई ड्राईनेस


⚠️ ये हैं वे 5 गलतियां जो आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं

1️⃣ कमरे में हीटर चलाकर लंबे समय तक बैठना

हीटर हवा को गर्म करता है, लेकिन उसके साथ कमरे की नमी भी खींच लेता है।
➡️ आंखें जल्दी सूखने लगती हैं
➡️ लगातार ड्राईनेस बढ़ती है

कैसे बचें:


2️⃣ मोबाइल और लैपटॉप को बिना पलक झपकाए देर तक देखना

सर्दियों में लोग रज़ाई में बैठकर मोबाइल ज्यादा देर तक देखते हैं। इससे:

  • पलक झपकना कम हो जाता है

  • आंसू की परत टूटने लगती है

  • आंखें सूखकर जलन देने लगती हैं

कैसे बचें:

  • हर 20 मिनट में 20 सेकंड दूर देखें

  • स्क्रीन की ब्राइटनेस कम-ज्यादा करें

  • दिन में 8–10 बार पलकों को जानबूझकर झपकाएं


3️⃣ धूप और ठंडी हवा में बिना चश्मे के बाहर निकलना

सीधी ठंडी हवा आंखों की नमी उड़ाकर ड्राईनेस को बढ़ाती है।

कैसे बचें:

  • बाहर निकलते समय चश्मा पहनें

  • बाइक चलाते समय हेलमेट का शीशा बंद रखें


4️⃣ पर्याप्त पानी न पीना

सर्दी में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को नमी की जरूरत उतनी ही रहती है।
पानी कम पीने से आंसू भी कम बनते हैं, जिससे आंखों की ड्राईनेस बढ़ जाती है।

कैसे बचें:


5️⃣ आंखों में बिना सलाह के कोई भी दवा डाल देना

कई लोग जलन या सूखापन देखते ही खुद से बाजार की कोई भी ड्रॉप खरीद लेते हैं। इससे समस्या बढ़ सकती है।

कैसे बचें:

  • किसी भी दवा से पहले आंखों के विशेषज्ञ से सलाह लें

  • कृत्रिम आंसू (आर्टिफिशियल टियर्स) भी डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें


🌿 आई ड्राईनेस का आसान घरेलू समाधान

✔️ गुनगुने पानी की सिकाई

आंखों के पास हल्की सिकाई करने से सूखापन कम होता है।

✔️ खीरे के टुकड़े रखना

ठंडे खीरे से आंखों को ठंडक मिलती है और सूजन घटती है।

✔️ घी की हल्की मालिश

सोने से पहले पैरों के तलवों पर घी लगाएं—आंखों के लिए लाभकारी माना जाता है।

✔️ कमरे की नमी बनाए रखें

यदि संभव हो तो कमरे में ह्यूमिडिटी बढ़ाने वाले पौधे रखें।

👀 किन लोगों को ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए?

  • जो लैपटॉप/मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते हैं

सर्दियों में बढ़ती आई ड्राईनेस: आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है?
सर्दियों के मौसम में आंखों की ड्राईनेस बढ़ जाती है और आंखों का स्वास्थ्य जल्दी खराब होता है। इन 5 गलतियों से बचकर आप आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं।

🩺 डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो तुरंत सलाह लें—

सर्दियों में बढ़ती आई ड्राईनेस: आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है?
सर्दियों के मौसम में आंखों की ड्राईनेस बढ़ जाती है और आंखों का स्वास्थ्य जल्दी खराब होता है। इन 5 गलतियों से बचकर आप आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं।
  • आंखों से पानी लगातार बहना

  • हर समय जलन

  • धुंधला दिखना

  • आंखें लाल रहना

  • दर्द महसूस होना

ये संकेत ड्राईनेस के साथ किसी अन्य समस्या की ओर भी इशारा कर सकते हैं।