महिला-बाल विकास से लेकर कृषि तक CM मोहन यादव की बड़ी बैठकों का दिन, कई योजनाओं की हुई समीक्षा

आज 3 दिसंबर 2025 को विधानसभा की बैठक नहीं हो रही है, इसलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूरा दिन मंत्रालय में अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठकों में लगे हुए हैं।
सुबह 11 बजे सबसे पहले उन्होंने महिला और बाल विकास विभाग की समीक्षा की। इस बैठक में महिलाओं और बच्चों की योजनाएँ कैसे बेहतर चलें, इस पर बात हुई।

उसके बाद सहकारिता विभाग की समीक्षा हुई। इसमें यह देखा गया कि किसानों को सस्ती दर पर लोन, खाद और बीज कैसे मिले और सहकारी समितियों को कैसे मजबूत किया जाए।

दोपहर में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक होगी। इसमें सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की सुविधाओं को सुधारने पर चर्चा होगी।
इसके बाद पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा होगी, ताकि पता चले कि इन वर्गों तक योजनाओं का फायदा कितना पहुँच रहा है।

दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री कृषि विभाग की बड़ी बैठक लेंगे। अगले साल को “कृषि वर्ष” के रूप में मनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें किसान कल्याण, कृषि विकास, उद्यानिकी और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे। लक्ष्य है कि किसानों की आय बढ़े और उत्पादन भी ज्यादा हो।

विधानसभा की कार्यवाही न होने से मुख्यमंत्री ने पूरा दिन मंत्रालय में बैठकों का लंबा शेड्यूल रखा है ताकि सभी योजनाओं की समीक्षा करके उन्हें और प्रभावी बनाया जा सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग 

महिला और बाल विकास विभाग ने अपनी समीक्षा में कई उपलब्धियाँ बताईं:

  • मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से की।
  • टेक होम राशन की व्यवस्था में मध्यप्रदेश को पूरे देश में पहला स्थान मिला।
  • स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 20,243 बच्चों को मदद दी गई।
  • झाबुआ जिले के कामों को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला।
  • आंगनवाड़ी भवनों की मॉनिटरिंग के लिए विभाग ने बहुत आधुनिक सिस्टम बनाया है।
  • सरकार ने अगले तीन साल में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनाने का बड़ा प्लान बनाया है।
  • 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में बच्चों को सेंट्रल किचन से गर्म भोजन मिलेगा।
  • 2047 विज़न के मुताबिक, छोटे बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा निवेश किया जा रहा है।
  • “निपुण भारत” के आधार पर बच्चों की सीखने की गुणवत्ता बढ़ाने का लक्ष्य है।
  • लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 34 लाख लड़कियों को छात्रवृत्ति और प्रोत्साहन मिलेगा।
  • महिला हेल्पलाइन ने 1.72 लाख महिलाओं की मदद की।
  • 57 वन स्टॉप सेंटरों ने 52,095 महिलाओं को सुरक्षा दी।

“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान में 1.89 लाख पौधे लगाए गए, 6,520 लड़कियों को ड्राइविंग लाइसेंस मिला और 8,637 लड़कियों को प्रतियोगी परीक्षा की ट्रेनिंग दी गई।

12,670 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित किया गया।

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