2026 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक तैयारियों और राजनीतिक समीकरणों पर व्यापक चर्चा

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूरी तरह सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। बुधवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के सभी भाजपा सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें आगामी चुनावों की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

चुनावी तैयारियों पर केंद्रित बैठक

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब संसद में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा भी निर्धारित थी। बैठक में प्रधानमंत्री ने सांसदों से जमीनी हालात की जानकारी ली और अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूत स्थिति में लाने के लिए आवश्यक कदमों पर जोर दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इससे पहले बताया था कि लोकसभा में 8 दिसंबर को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा और 9 दिसंबर को चुनाव सुधारों पर व्यापक विमर्श होगा। इन विषयों पर चर्चाएं भी बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य से जुड़ती दिखाई देती हैं, जहां चुनावी माहौल लगातार गर्म हो रहा है।

SIR को लेकर ममता सरकार का कड़ा विरोध

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के विरोध में लगातार मुखर रही है। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया राज्य में राजनीतिक हस्तक्षेप का तरीका है। इसी पृष्ठभूमि में पीएम मोदी की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में बंगाल भाजपा के लिए यह एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

संसद में बंगाल को लेकर उठे विकास संबंधी सवाल

लोकसभा के प्रश्नकाल में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि ‘विकसित भारत’ तभी संभव है जब हर राज्य समान रूप से आगे बढ़े। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा मत्स्य उद्योग में सुधार लाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) को पश्चिम बंगाल सरकार ने अपेक्षित समर्थन नहीं दिया। इसी तरह, एनीमल हसबैंड्री डेवलपमेंट फंड (AHIDF) के तहत मिलने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा हुई।

संसद में आज का विधायी एजेंडा

संसद के तीसरे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) बिल, 2025 पेश किए जाने की संभावना है। यह बिल तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और सेस बढ़ाने से संबंधित संशोधन प्रस्तावित करता है। इसके अलावा, लोकसभा सचिवालय राज्यसभा से मणिपुर जीएसटी (द्वितीय संशोधन) बिल, 2025 अपनाने संबंधी संदेश प्राप्त करेगा, जिसे लोकसभा पहले ही पास कर चुकी है।

बंगाल चुनाव: भाजपा की रणनीति तेज

इस पूरी गतिविधि का राजनीतिक महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि भाजपा आगामी चुनावों में बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अब शीर्ष स्तर पर रणनीतिक और संगठनात्मक तैयारी कर रही है। PM मोदी की सांसदों के साथ इस प्रकार की बैठकें संकेत देती हैं कि पार्टी राज्य में बड़ी चुनावी बढ़त हासिल करने के लिए शुरुआती चरण से ही आक्रामक मोड में उतर चुकी है।