भोपाल में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ, 11 हजार भक्तों के सामूहिक पाठ ने रचा आध्यात्मिक वातावरण

भोपाल, 1 दिसंबर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का समग्र ज्ञान देने वाला अद्भुत और पवित्र ग्रंथ है। इसके अध्ययन से मनुष्य के जीवन की सारी जिज्ञासाओं और सभी प्रश्नों का समाधान मिल जाता है। वे भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता का ज्ञान समस्त सृष्टि की चेतना और समग्र ज्ञान का आधार है। भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म, कर्म और कर्तव्य का जो मार्ग दिखाया, वही मनुष्य को निष्काम कर्म, धर्मपालन और मोक्ष का पथ बताता है। उन्होंने कहा कि अर्जुन को दिए गए उपदेश में भगवान ने स्पष्ट किया था कि मनुष्य को संसार में रहते हुए अपने स्वधर्म और कर्तव्यों का पालन करना चाहिए— फल की इच्छा किए बिना। यही मानव जीवन का सर्वोच्च मार्ग है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता जयंती हमें यह स्मरण कराती है कि आत्मा का अंतिम मिलन परमात्मा से ही होता है। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया और भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में 11 हजार कृष्ण भक्तों, कृष्णमार्गियों, बटुकों, संतों और स्कूली विद्यार्थियों ने एक स्वर में श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का पाठ किया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।

धर्म–संस्कृति और तकनीक का संगम
इस वर्ष का गीता महोत्सव कई अनूठी प्रस्तुतियों के कारण विशेष रहा।

पहली बार एआई आधारित संगीत नाट्य ‘कृष्णायन’ का मंचन हुआ, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उपदेशों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।

दिव्यांग कलाकारों की ‘गीता ऑन व्हील्स’ प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।

विभिन्न विश्व गीता प्रतिष्ठानों द्वारा आकर्षक चित्र प्रदर्शनियां और नृत्य नाटिकाएँ भी महोत्सव का हिस्सा रहीं।

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राज्य में गीता प्रचार के लिए बड़े प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े सभी पवित्र स्थलों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित कर रही है। इसके लिए ‘श्रीकृष्ण पाथेय’ नामक विशेष परियोजना चल रही है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में ‘गीता भवन’ बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। पहला गीता भवन इंदौर के राजवाड़ा में तैयार होकर लोकार्पित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लाल परेड मैदान में 3,500 विद्यार्थियों ने एक साथ गीता पाठ कर अद्भुत रिकॉर्ड बनाया था। इस बार 55 जिलों, 10 संभागों और 313 विकासखंडों में करीब 3 लाख से अधिक गीता पाठियों द्वारा 15वें अध्याय के सस्वर पाठ से नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कृष्ण–सुदामा मित्रता की कहानी को याद करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा को सबसे बड़ा महत्व दिया और स्वयं भी सांदीपनि आश्रम में चारों वेद, 64 कलाएं और 14 विद्याएं सीखीं। उन्होंने कहा कि कृष्ण का जीवन कर्मवाद, संघर्ष और धर्म के पालन का अद्वितीय उदाहरण है।

अतिथि संबोधन और उपस्थिति
संस्कृति विभाग के अपर मुख्य सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में सांस्कृतिक आयोजनों को नई दिशा मिली है और गीता जयंती पर आज उज्जैन में 11 हजार भक्तों ने 15वें अध्याय का सस्वर पाठ किया। तीन लाख से अधिक गीता पाठियों द्वारा एक दिन में पाठ करने का नया रिकॉर्ड बनेगा।

कार्यक्रम में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, कृष्णा गौर, धर्मेंद्र सिंह लोधी, विधायकगण रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, विष्णु खत्री, वरिष्ठ आचार्यगण, संतगण और बड़ी संख्या में गीता पाठी उपस्थित थे।

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