बांग्लादेश में नई सरकार द्वारा पुराने मामलों की दोबारा जांच के आदेश, विशेष न्यायाधिकरण ने तीनों पर गंभीर आरोपों के तहत फैसला सुनाया

नई दिल्ली/ढाका। बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और भतीजी व ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीकी के खिलाफ बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने सजा का ऐलान किया है। यह फैसला उस समय आया है, जब हसीना सरकार के पतन के बाद नई अंतरिम सरकार देश में भ्रष्टाचार, सत्ता दुरुपयोग और मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों की पुनः जांच करा रही है।

किस मामले में सजा?

विशेष न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और परिवार के अन्य दो सदस्यों को जिन आरोपों में दोषी ठहराया, उनमें शामिल हैं

सरकारी कोष का दुरुपयोग

अवैध संपत्ति अर्जन

सत्ता का दुरुपयोग कर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई

व्यावसायिक सौदों में पक्षपात

इन्हीं आरोपों के आधार पर अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है।

बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन ने पुराने मामलों की समीक्षा के दौरान पाया कि हसीना सरकार के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णयों में “प्रणालीगत भ्रष्टाचार” हुआ था। इसी आधार पर सभी मामलों को विशेष जांच टीम (SIT) को सौंपा गया।

क्या है सजा की अवधि?

सूत्रों के अनुसार:

शेख हसीना को सख्त कारावास,

रेहाना को कठोर कारावास,

ट्यूलिप सिद्दीकी को दंड और प्रतिबंधात्मक सजा दी गई है।

अंतरराष्ट्रीय नागरिकता और ब्रिटिश कूटनीतिक नियमों के कारण ट्यूलिप पर लागू दंड अलग है, लेकिन उन्हें भी न्यायाधिकरण ने दोषी माना है।

अदालत के विस्तृत आदेश की आधिकारिक प्रति जल्द जारी की जाएगी।

ट्यूलिप सिद्दीकी कौन हैं?

ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद हैं।
वह शेख हसीना की भतीजी हैं और ब्रिटिश संसद में उच्च प्रोफ़ाइल दक्षिण एशियाई राजनेता के रूप में जानी जाती थीं।
उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने हसीना सरकार की विदेश नीति और बांग्लादेशी प्रवासी मामलों में “अनुचित प्रभाव” का उपयोग किया।

देश में राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण

हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में:

बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन

अंतरराष्ट्रीय दबाव

प्रशासनिक फेरबदल

सेना की निगरानी में अस्थायी शासन

जारी है।
नए शासन ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।

अदालत के फैसले के बाद ढाका में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

हसीना की प्रतिक्रिया

शेख हसीना, जो वर्तमान में राजधानी से बाहर एक सुरक्षित स्थान पर रखी गई हैं, ने निर्णय को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
उनकी पार्टी अवामी लीग ने भी कहा कि यह “न्यायपालिका पर दबाव का परिणाम” है।

हालांकि, अंतरिम सरकार का कहना है कि:

“कानून अपना कार्य कर रहा है, और यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया गया है।”

ब्रिटेन की प्रतिक्रिया

क्योंकि मामला ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप से भी जुड़ा है, इसलिए UK सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह “कानूनी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है और आवश्यक होने पर दूतावास स्तर पर परामर्श देगा।”

राजनीतिक विश्लेषक क्या कह रहे हैं?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि:

यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति में नए युग की शुरुआत कर सकता है।

हसीना के राजनीतिक भविष्य पर “पूर्ण विराम” लग सकता है।

विपक्ष को अब सत्ता वापसी का अवसर मिल सकता है।

दक्षिण एशिया की भू-राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा।

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