वक्फ (Waqf) का मतलब होता है धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए दी गई संपत्ति, जिसे बेचा या बदला नहीं जा सकता। भारत में वक्फ बोर्ड इन संपत्तियों की देखरेख करता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन संपत्तियों के गलत इस्तेमाल और विवाद बढ़ गए थे। इसी को रोकने के लिए सरकार “वक्फ संशोधन विधेयक 2025” लेकर आई है।
1️⃣ इस बिल की ज़रूरत क्यों पड़ी?
🔹 कई जगहों पर वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और हेरफेर की शिकायतें आईं।
🔹 वक्फ बोर्ड बिना पारदर्शिता के कई संपत्तियां लीज पर दे रहा था।
🔹 कई हिंदू मंदिरों और ईसाई चर्चों की संपत्तियों पर भी वक्फ बोर्ड ने दावा किया।
🔹 लोगों को कानूनी लड़ाई में दिक्कत हो रही थी, क्योंकि वक्फ मामलों का फैसला वक्फ ट्रिब्यूनल ही करता था।
2️⃣ जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) में क्या हुआ?
सरकार ने इस विधेयक को सीधे पास न करके जेपीसी (Joint Parliamentary Committee) के पास भेज दिया, ताकि सभी दल इस पर चर्चा कर सकें।
📌 जेपीसी में क्या-क्या हुआ?
✔️ 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 प्रतिनिधियों से राय ली गई।
✔️ 120 से ज्यादा संशोधन (changes) प्रस्तावित किए गए।
✔️ इनमें से 35 संशोधनों को मंजूरी दी गई।
📌 विपक्ष ने क्या कहा?
🔹 कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल से मुस्लिम समाज को नुकसान पहुंचाना चाहती है।
🔹 भाजपा ने कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए जरूरी है।
🔹 टीएमसी और वाम दलों ने कुछ संशोधन सुझाए, लेकिन वे खारिज कर दिए गए।
3️⃣ बिल में क्या बदलाव किए गए?
✍️ बिल पास होने से पहले और बाद में क्या बदला?
🔹 पहले वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” घोषित करने का अधिकार था।
➡️ अब यह अधिकार केवल जांच के बाद ही मिलेगा।
🔹 पहले अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता था, तो मामला सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में ही जा सकता था।
➡️ अब लोग हाईकोर्ट में भी अपील कर सकते हैं।
🔹 पहले वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का ऑडिट नहीं होता था।
➡️ अब हर साल वक्फ संपत्तियों की जांच और ऑडिट होगा।
🔹 पहले वक्फ संपत्तियों को 99 साल की लीज पर दिया जा सकता था।
➡️ अब 30 साल से ज्यादा की लीज देने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
4️⃣ विपक्ष क्यों विरोध कर रहा है?
📢 विपक्ष का कहना है कि:
❌ सरकार वक्फ संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है।
❌ मुस्लिम समाज की धार्मिक संपत्तियों पर सरकार का दखल बढ़ जाएगा।
❌ सरकार ट्रस्टों और मंदिरों के मामलों में दखल नहीं देती, लेकिन वक्फ बोर्ड पर नियम बना रही है।
📢 सरकार का जवाब:
✔️ बिल का मकसद पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार रोकना है।
✔️ यह मुस्लिम समाज के हित में है, ताकि उनकी संपत्तियों का दुरुपयोग न हो।
✔️ कई मुस्लिम संगठनों ने खुद इस संशोधन की मांग की थी।
5️⃣ अब आगे क्या होगा?
✅ लोकसभा में यह बिल पारित हो चुका है।
✅ गुरुवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
✅ अगर राज्यसभा से भी पास हो जाता है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।
📌 निष्कर्ष: ये बिल है किसके लिए?
🟢 इससे फायदा होगा:
✔️ वक्फ संपत्तियों के असली हकदारों को।
✔️ उन लोगों को जो गलत वक्फ दावों से परेशान थे।
✔️ मुस्लिम समाज के गरीब तबके को, क्योंकि फंड का सही इस्तेमाल होगा।
🔴 किन्हें दिक्कत हो सकती है?
❌ उन लोगों को, जो वक्फ संपत्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे थे।
❌ उन संगठनों को, जो राजनीतिक फायदे के लिए वक्फ का उपयोग कर रहे थे।
अब यह साफ है कि “वक्फ संशोधन विधेयक 2025” सिर्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और सही इस्तेमाल के लिए लाया गया है। लेकिन विपक्ष और सरकार इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। अब देखना यह है कि राज्यसभा में इस बिल का क्या होता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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