लखनऊ। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर देशभर में विरोध तेज़ हो गया है। शुक्रवार को संसद से विधेयक पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तनाव की आशंका के चलते सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। खासकर यूपी में जुमे की नमाज के मद्देनज़र सरकार हाई अलर्ट पर है। मथुरा, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ समेत 40 जिलों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। वहीं, लखनऊ में प्रमुख मस्जिदों और दरगाहों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
वक्फ बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। मुस्लिम नेताओं का आरोप है कि यह विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों को प्रभावित करेगा, बल्कि इससे ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट’ (पूजा स्थल अधिनियम) की मूल भावना भी कमजोर हो जाएगी।
ज्ञानवापी के पैरोकार बोले- सबके लिए एक समान नियम हों
ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकार एसएम यासीन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक से Places of Worship Act कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा, “मुस्लिम ही नहीं, कई अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल भी सरकार की जमीनों, पार्कों और सड़कों पर बने हैं। नियम सबके लिए समान होने चाहिए।”
मायावती ने कहा- बिल जल्दबाजी में लाया गया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने इसे बहुत जल्दी में लाया है। जनता को समझने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए था। अगर इस कानून का दुरुपयोग होता है, तो बसपा मुसलमानों के साथ खड़ी होगी।”
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती की तैयारी
इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन पहले ही इस विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट जाने की घोषणा कर चुके हैं। शुक्रवार को कांग्रेस ने भी ऐलान किया कि वह बहुत जल्द वक्फ संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
स्टालिन ने कहा कि रात दो बजे जब यह संशोधन लोकसभा में पारित किया गया, तब विपक्ष की उपेक्षा करते हुए इसे जबरन पास कराया गया। स्टालिन विरोध स्वरूप तमिलनाडु विधानसभा में काली पट्टी पहनकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कुछ सहयोगी दलों के इशारे पर इस तरह संविधान की आत्मा को कमजोर करना पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला है।
विपक्ष का आरोप- अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही सरकार
विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार इस विधेयक के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। कांग्रेस, डीएमके, बसपा समेत कई पार्टियों का कहना है कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान में मिले मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है।
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं, जहां इस विधेयक को चुनौती दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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