
नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर लंबी बहस हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर झूठ फैला रहा है और मुस्लिम समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड में किसी भी गैर-मुसलमान को शामिल नहीं किया जा रहा है और यह केवल वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।
लोकसभा में गरमागरम बहस
विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस पर चर्चा की शुरुआत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने की, जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। शाह ने कहा कि विपक्ष इस बिल को लेकर मुस्लिम समाज को डरा रहा है और इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह के मुख्य बिंदु:
- वक्फ बोर्ड में धार्मिक गतिविधियों के लिए कोई गैर-मुसलमान शामिल नहीं होगा।
- वक्फ संपत्तियों की बेनामी लेन-देन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए यह संशोधन आवश्यक है।
- 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए संशोधन में कई खामियां थीं, जिन्हें सुधारने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
- वक्फ संपत्तियों को औने-पौने दामों पर सौ साल की लीज पर देने और अतिक्रमण करने के मामलों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
- संसद का कानून सभी को मानना होगा, इसे अस्वीकार करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा खुलासा
अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संपत्तियों के अनुचित उपयोग और अवैध कब्जों को लेकर कई उदाहरण दिए।
- 2013 तक वक्फ बोर्ड के पास 18 लाख एकड़ भूमि थी, जो अब बढ़कर 21 लाख एकड़ हो गई है।
- कर्नाटक में 600 एकड़ जमीन पर दावा किया गया, जिसमें मंदिरों की संपत्तियां भी शामिल थीं।
- कई ईसाई मिशनों और चर्च की संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने गलत तरीके से दावा किया।
- दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र की 125 संपत्तियां कांग्रेस सरकार के दौरान वक्फ को दे दी गईं।
मणिपट्टी समिति की रिपोर्ट का हवाला
शाह ने मणिपट्टी समिति की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि 1,38,000 एकड़ भूमि को वक्फ बोर्ड ने अवैध रूप से लीज पर दे दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा:
- फाइव स्टार होटल को मात्र 12,000 रुपये प्रति माह किराए पर दिया गया।
- हिमाचल में वक्फ संपत्तियों पर मस्जिदों का निर्माण किया गया।
- विजयपुर गांव की 1500 एकड़ भूमि को विवादों में डाल दिया गया।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है।
- एक विपक्षी नेता ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय इस कानून को स्वीकार नहीं करेगा।
- इस पर शाह ने पलटवार करते हुए कहा, “संसद का कानून सभी को मानना होगा। इसे न मानने की बात करना गलत है।”
- कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह बिल मुस्लिम समाज के लिए नुकसानदायक होगा।
विधेयक के पक्ष में जश्न
इस बीच, राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में जश्न मनाया गया।
- निजामुद्दीन इलाके में ढोल-नगाड़े बजाए गए और मिठाइयां बांटी गईं।
- समर्थकों ने इसे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और सुशासन के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
वक्फ क्या है?
वक्फ अरबी भाषा के ‘वकुफा’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ‘ठहरना’ या ‘रोकना’।
- जब कोई व्यक्ति धार्मिक उद्देश्यों के लिए अपनी संपत्ति दान करता है, तो इसे ‘वक्फ’ कहा जाता है।
- यह संपत्ति बेची नहीं जा सकती और केवल धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग की जा सकती है।
विधेयक लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
- 2022 से अब तक वक्फ अधिनियम को लेकर 120 से अधिक याचिकाएं विभिन्न हाईकोर्ट में दायर की गईं।
- इसमें सेक्शन 40 को लेकर सवाल उठे, जिसके तहत वक्फ किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता था।
- इससे कई विवाद पैदा हुए, जिनका हल निकालने के लिए यह संशोधन लाया गया।
284 प्रतिनिधि मंडलों से हुई चर्चा
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस बिल पर व्यापक चर्चा की।
- 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 प्रतिनिधि मंडलों की राय ली गई।
- यह भारत के संसदीय इतिहास की सबसे लंबी चर्चाओं में से एक रही।
आगे क्या?
- लोकसभा में पारित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा होगी।
- यदि यह विधेयक पास हो जाता है, तो वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव होंगे।
- विपक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस विधेयक को चुनौती देने की संभावना जताई जा रही है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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