लोकल ट्रेन में बदसलूकी और मारपीट से दहला छात्र, घटना की शिकायत पर पुलिस ने शुरू की जांच

महाराष्ट्र के डोंबिवली में एक दर्दनाक और संवेदनशील घटना सामने आई है, जहाँ हिंदी में बातचीत करने पर कॉलेज छात्र अर्नव खैरे की लोकल ट्रेन में कुछ युवकों ने पिटाई कर दी। इस घटना के गहरे मानसिक आघात में आकर अर्नव ने घर लौटने के बाद आत्महत्या कर ली। अर्नव खैरे के पिता जीतेंद्र खैरे ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत कल्याण के कोलसावाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। पुलिस इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी है।

कोलसावाड़ी पुलिस के अनुसार अर्नव, जो कल्याण के तीसगांव नाका स्थित सहजीवन रेजीडेंसी में रहता था, मंगलवार को मुलुंड स्थित केलकर कॉलेज में प्रैक्टिकल देने जा रहा था। वह रोज़ की तरह कल्याण से लोकल ट्रेन में चढ़ा। ट्रेन में भीड़ होने के कारण उसने अपने आसपास खड़े यात्रियों से हिंदी में कहा— “थोड़ा आगे आओ।” इसी बात पर पास खड़े चार–पाँच युवकों ने उसे घेर लिया और ताना मारते हुए पूछा— “मराठी क्यों नहीं बोलते? मराठी बोलने में शर्म आती है क्या?”
यह कहकर उन युवकों ने अर्नव को धक्का दिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले से घबराया अर्नव ट्रेन से ठाणे स्टेशन पर उतर गया और कुछ देर बाद अगली लोकल से मुलुंड के लिए रवाना हुआ।

अर्नव ने प्रैक्टिकल तो पूरा किया, लेकिन ट्रेन में हुई घटना ने उसे मानसिक रूप से बुरी तरह तोड़ दिया। वह कॉलेज से आधे दिन में ही लौट आया और घर पहुँचकर अपने पिता को फोन पर सारी घटना बताई। पिता ने उसे शांत रहने की सलाह दी, लेकिन शाम होते–होते अर्नव का मानसिक तनाव और बढ़ गया। घर में अकेले होने के दौरान उसने कमरे के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज, ट्रेन रूट और स्टेशन पर उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि घटना भाषा विवाद की संवेदनशील पृष्ठभूमि से जुड़ी है, इसलिए मामले की जांच पूरी सावधानी से की जा रही है।
स्थानीय समुदाय में इस घटना को लेकर शोक और आक्रोश दोनों व्याप्त हैं। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि भाषा के आधार पर किसी छात्र को अपमानित और परेशान करने की मानसिकता समाज को किस दिशा में ले जा रही है।

अर्नव के परिवार ने कहा कि वह शांत, मेहनती और पढ़ाई में आगे रहने वाला बच्चा था। रोज़मर्रा की यात्रा में हुई एक झड़प ने उसे भीतर तक हिला दिया और उसके आत्मविश्वास को नष्ट कर दिया। पिता ने पुलिस से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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