दक्षिण कोरिया की सांसद जेवॉन किम ने मधुर स्वर में गाया भारत का राष्ट्रीय गीत

आईएफएफआई 2025 में सांस्कृतिक सौहार्द की अनोखी मिसाल, उद्घाटन समारोह में दर्शक भावविभोर

पणजी में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के साथ आयोजित वेव्स फिल्म बाजार के उद्घाटन समारोह ने बुधवार को एक अद्भुत और यादगार क्षण का साक्षी बनाया। मंच पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित दक्षिण कोरिया की सांसद जेवॉन किम ने भारतीय राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को पूर्ण सम्मान और भावना के साथ गाकर पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनका यह भावपूर्ण गायन उपस्थित जनसमूह के लिए केवल एक प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत–कोरिया सांस्कृतिक संबंधों की नई ऊंचाई का प्रतीक बन गया।

मधुर धुनों के बीच जब सांसद किम ने समारोह के मध्य ‘वंदे मातरम’ का गायन शुरू किया, तो पूरा सभागार सम्मान में खड़ा हो गया। गीत समाप्त होने तक सबकी निगाहें मंच पर थीं और वातावरण में ऐसी शांति थी जैसे हर शब्द को मन में उतारा जा रहा हो। गीत पूरा होते ही सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, और कई क्षणों तक यह उत्साह थमा नहीं। इसके बाद उन्होंने अपने देश का राष्ट्रीय गीत भी प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने उसी सम्मान के साथ सुना।

फिल्म बाजार के उद्घाटन में सितारों और नीति–निर्माताओं की मौजूदगी

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री मुरुगन उपस्थित रहे। उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री सुरेश गोपी, सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू, विख्यात फिल्मकार और आईएफएफआई निदेशक शेखर कपूर, वरिष्ठ कलाकार अनुपम खेर सहित फिल्म क्षेत्र के अनेक दिग्गज मौजूद थे। दीप प्रज्ज्वलन के बाद समारोह औपचारिक रूप से आरंभ हुआ।

राज्यमंत्री मुरुगन ने अपने संबोधन में कहा कि वेव्स फिल्म बाजार तकनीक, रचनात्मकता और वैश्विक सहयोग का सशक्त मंच बन चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए फिल्म निर्माताओं, विशेषकर युवाओं में मौजूद प्रतिभा को विश्व के सामने लाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, और वेव्स बाजार इसी दृष्टि की पूर्ति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मुरुगन ने बताया कि आज नई तकनीक के साथ भारत फिल्म निर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है। ‘‘रचनाकारों और निर्माताओं के बीच मजबूत पुल बनने के लिए वेव्स बाजार एक महत्वपूर्ण अवसर दे रहा है। खासकर उन युवा आवाजों के लिए, जो अपनी कल्पनाशीलता से नए विचारों को परदे तक लाना चाहते हैं,’’ उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष 124 नए रचनाकारों ने फिल्म बाजार में हिस्सा लिया है, जो भारतीय प्रतिभा की क्षमता का प्रमाण है।

वेव्स फिल्म बाजार: कला और कारोबार का अनूठा संगम

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने इस अवसर पर कहा कि वेव्स फिल्म बाजार आईएफएफआई के लिए प्राकृतिक शुरुआत जैसा है। उन्होंने इसे ‘‘स्क्रीनिंग, मास्टरक्लास और तकनीकी प्रदर्शनी का पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र’’ बताते हुए कहा कि यह मंच कला को कारोबार में बदलने के प्रधानमंत्री के विचार को धरातल पर लाता है।

उन्होंने फिल्म निर्माताओं के लिए बनाए गए दुनिया के पहले ई–मार्केटप्लेस के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि वेव्स अब ‘‘रचनाकारों और देशों को जोड़ने’’ का माध्यम बन चुका है, जिससे भारत वैश्विक सहयोग का केंद्र बन गया है।
उन्होंने क्यूरेटेड प्रोजेक्ट्स के लिए नकद अनुदान, संरचित प्रक्रियाओं और भारत के पहले एआई फिल्म फेस्टिवल और हैकाथॉन जैसे नवीन प्रयासों का भी उल्लेख किया, जो आने वाली सिनेमाई तकनीकों को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

कोरियाई सांसद का भारत के प्रति सम्मान

कोरिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की सदस्य जेवॉन किम ने अपने संबोधन में भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दक्षिण कोरिया को दिए गए विशेष स्थान के लिए वे भारत के ऋणी हैं।
उन्होंने इस आयोजन की निरंतरता और इसके बढ़ते प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत और कोरिया भविष्य में सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों में और अधिक सक्रिय सहयोग करेंगे।

उनके द्वारा ‘वंदे मातरम’ का प्रस्तुतीकरण इस सम्मान की भावना की जीवंत तस्वीर बन गया।

अतिथियों ने स्टॉलों का अवलोकन किया

उद्घाटन समारोह के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री मुरुगन और अन्य अतिथियों ने वेव्स बाजार के विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। इन स्टॉलों में अलग–अलग राज्यों के पवेलियन, प्रोडक्शन हाउस, तकनीकी प्रदर्शनी और कई सरकारी विभागों के रचनात्मक प्रदर्शन शामिल थे।
प्रतिभागियों ने बताया कि यह मंच रचनाकारों, निवेशकों, वितरकों और वैश्विक उद्योग के नेताओं को जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार

आईएफएफआई के 56वें संस्करण के साथ आयोजित वेव्स फिल्म बाजार 2025 अब दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार बन गया है। अगले चार दिनों तक यहां फिल्म निर्माताओं, बिक्री एजेंटों, वितरकों और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच सहयोग, विचार–विमर्श और नवाचार की अनंत संभावनाएं खुलेंगी।
यह मंच न केवल रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, बल्कि भारतीय सिनेमा और वैश्विक फिल्म जगत के बीच मज़बूत सेतु का काम भी करता है।

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