फरीदाबाद में छापेमारी कर पकड़ा गया आरोपी, धमाके से पहले उमर को लॉजिस्टिक सहायता देने का आरोप

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लालकिला के पास हुए कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक और अहम सफलता मिली है। एजेंसी ने इस मामले में फरार आतंकवादी उमर उन नबी को आश्रय देने वाले उसके सहयोगी फरीदाबाद निवासी सोयब को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि सोयब ने धमाके से पहले उमर को न केवल छिपने का सुरक्षित स्थान दिया, बल्कि लॉजिस्टिक सपोर्ट, सामान की आपूर्ति और संपर्क नेटवर्क उपलब्ध कराने जैसी महत्वपूर्ण मदद भी की थी।

इस गिरफ्तारी के साथ इस केस में कुल सात आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एनआईए पहले ही उमर से जुड़े छह अन्य सहयोगियों को विभिन्न राज्यों से गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी के अनुसार, यह नेटवर्क काफी समय से सक्रिय था और धमाके की योजना को अंजाम देने के लिए कई राज्यों में संपर्क बनाए गए थे।

कैसे पकड़ा गया सोयब: फरीदाबाद में छापेमारी, डिजिटल सबूतों से मिली बड़ी कड़ियां

एनआईए की टीम कई दिनों से सोयब की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। डिजिटल सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन और लेन-देन के रिकॉर्ड के आधार पर एजेंसी ने उसकी पहचान की और सोमवार देर रात फरीदाबाद में छापेमारी कर उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में सामने आया कि सोयब ने ही उमर को उत्तर भारत में सुरक्षित रूट और ठिकाने उपलब्ध कराए थे।

जांच से यह भी पता चला है कि धमाके से कुछ घंटों पहले तक सोयब और उमर के बीच कई बार संपर्क हुआ था। एजेंसी उसके फोन, ईमेल, चैट रिकॉर्ड और सोशल मीडिया के डाटा की भी गहन जांच कर रही है, ताकि आतंकियों के इस मॉड्यूल की पूरी संरचना की पुष्टि की जा सके।

लालकिला धमाका: 10 से अधिक लोगों की मौत, कई घायल

10 नवंबर की सुबह हुए इस कार बम धमाके ने पूरी राष्ट्रीय राजधानी को दहला दिया था। लालकिला के बाहर खड़ी एक कार में विस्फोट हुआ, जिसकी चपेट में आकर 10 से अधिक लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया था और जांच की कमान एनआईए को सौंपी गई थी।

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यह धमाका एक संगठित आतंकी मॉड्यूल द्वारा रची गई योजना का हिस्सा था, जिसमें कई राज्यों के संदिग्ध शामिल थे।

उमर उन नबी: बड़े नेटवर्क का हिस्सा, कई राज्यों में ठिकाने

मुख्य आरोपी उमर उन नबी को पिछले सप्ताह ही पकड़ा गया था। वह आतंकवादी संगठन के लिए भर्ती, वित्तीय लेन-देन और विस्फोटक सामग्री की व्यवस्था जैसे काम संभाल रहा था।

जांच में सामने आया कि उमर के संपर्क जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले हुए थे। सोयब की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि दिल्ली धमाके के लिए उमर को जमीन पर काम करने में मदद देने वाले स्थानीय सहयोगियों की संख्या अधिक थी।

एनआईए अब तक 50 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चला चुकी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, कई राज्यों में हाई अलर्ट

दिल्ली धमाके के बाद पूरे उत्तर भारत में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। रेलवे स्टेशन, मेट्रो, बस स्टैंड और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तत्काल साझा करने के निर्देश दिए हैं।

एनआईए की कार्रवाई से जांच को मिली नई दिशा

सोयब की गिरफ्तारी को इस मामले की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। एजेंसी को उम्मीद है कि उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर आतंकियों के इस नेटवर्क के कई और सदस्यों की पहचान हो सकेगी।

फिलहाल एनआईए सोयब से लंबी पूछताछ कर रही है और उसकी भूमिका, अन्य सहयोगियों के नाम और धमाके की पूरी साजिश की परतें खोलने में लगी है।

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