गुवाहाटी में 408 रन की बड़ी हार, भारतीय बल्लेबाज़ बुरी तरह फेल; बुमराह-बावुमा विवाद के बीच मेहमान टीम ने दिखाई जबरदस्त अनुशासित क्रिकेट
गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को ऐसी हार मिली, जिसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी। 549 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत दूसरी पारी में केवल 140 रन पर ढेर हो गया। इस प्रकार साउथ अफ्रीका ने भारत को 408 रन से हराकर दो मैचों की श्रृंखला को 2-0 से जीत लिया। यह जीत इसलिए भी ऐतिहासिक हो गई क्योंकि 25 साल बाद किसी साउथ अफ्रीकी टीम ने भारत को उसके ही घर में क्लीन स्वीप किया है। इससे पहले साल 2000 में उन्होंने भारत को 2-0 से हराया था।
इस श्रृंखला का एक और विवादित पहलू भी रहा। पहले टेस्ट के दौरान भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा को लेकर 'बौना' जैसा विवादित बयान दिया था, जो लंबे समय तक चर्चा में रहा। इस विवाद के बीच मैदान पर साउथ अफ्रीकी टीम ने अनुशासन, संयम और रणनीति का ऐसा प्रदर्शन किया जिसे भारतीय टीम कभी चुनौती नहीं दे सकी।
भारतीय बल्लेबाज़ी ने किया पूरी तरह निराश
दूसरी पारी में भारतीय टीम की हालत बेहद कमजोर दिखी। बड़े लक्ष्य के दबाव में भारतीय बल्लेबाज़ों की तकनीक, मानसिक दृढ़ता और संयम सभी चरमरा गए। केवल रवींद्र जडेजा ने 54 रन की जुझारू पारी खेली। उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज़ टिककर खेल नहीं पाया।
यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और साई सुदर्शन जैसी युवा जोड़ी पर रन बनाने का भार था, परंतु शुरुआत से ही विकेट गिरते रहे और टीम कभी संभल ही नहीं सकी। मध्यक्रम में ऋषभ पंत भी कुछ खास नहीं कर सके। ध्रुव जुरेल और वॉशिंगटन सुंदर भी संभल कर रन नहीं जोड़ पाए।
साउथ अफ्रीका की ओर से साइमन हार्मर ने 6 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाज़ी की पूरी रीढ़ ही तोड़ दी। उनका स्पिन भारत के बल्लेबाज़ों के लिए पहेली बना रहा। केशव महाराज और मार्को यानसन ने भी लगातार दबाव बनाकर भारतीय पारी को भीतर ही भीतर तोड़ दिया।
साउथ अफ्रीका का सिर्फ अनुशासन नहीं, दृढ़ता भी दिखी
साउथ अफ्रीका ने चौथे दिन अपनी दूसरी पारी 260/5 पर घोषित कर भारत पर मेगा लक्ष्य का पहाड़ खड़ा कर दिया।
पहली पारी में भी उन्होंने 489 रन बनाकर मैच की नींव मज़बूत की। वियान मुल्डर, ऐडन मार्करम और रिकेल्टन ने बड़े योगदान दिए।
भारत की पहली पारी केवल 201 रन पर सिमट गई, जिससे खेल का पूरा नियंत्रण साउथ अफ्रीका के पास चला गया। भारत को मैच में लौटने के लिए असाधारण खेल दिखाना था, लेकिन गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों मोर्चों पर भारतीय टीम औसत ही साबित हुई।
बावुमा-बुमराह विवाद के बीच जीत का जवाब मैदान से दिया
पहले टेस्ट के दौरान बुमराह द्वारा टेम्बा बावुमा के खिलाफ कथित टिप्पणी ने काफी विवाद खड़ा किया था। इस विवाद ने दोनों टीमों के बीच तनाव बढ़ाया, पर साउथ अफ्रीका ने खेल के मैदान पर ही जवाब देने का रास्ता चुना।
टीम ने पूरे अनुशासन के साथ खेलते हुए दिखा दिया कि वे केवल प्रतिक्रिया से नहीं, बल्कि प्रदर्शन से जवाब देना जानते हैं।
मैच के बाद मार्करम ने कहा—भारत में जीतना आसान नहीं
साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ ऐडन मार्करम ने मैच के बाद कहा:
"यह जीत बहुत शानदार है। भारत में खेलना किसी भी विदेशी टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। यहां की परिस्थितियाँ मुश्किल होती हैं, पर हमारी टीम ने विश्वास रखा। कई मौके ऐसे आए जहाँ किस्मत ने साथ दिया, लेकिन खिलाड़ियों की मेहनत और एकजुटता ने जीत सुनिश्चित की।"
उनके इस बयान से साफ है कि यह जीत केवल रन या विकेट की नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, रणनीति और दबाव झेलने की परीक्षा भी थी।
प्लेइंग इलेवन: भारतीय और साउथ अफ्रीकी टीम की संरचना
भारत: यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत (कप्तान/विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल, वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश रेड्डी, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज।
साउथ अफ्रीका: ऐडन मार्करम, रायन रिकेल्टन, वियान मुल्डर, टेम्बा बावुमा (कप्तान), टोनी डी जॉर्जी, ट्रिस्टन स्टब्स, काइल वेरिने (विकेटकीपर), साइमन हार्मर, केशव महाराज, मार्को यानसन, सेनुरन मुथुसामी।
श्रृंखला हार ने कई सवाल खड़े किए
भारतीय टीम की रणनीति, चयन, तकनीक और मानसिक दबाव झेलने की क्षमता पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
तेज़ गेंदबाज़ी से लेकर स्पिन विभाग तक, कहीं भी वह धार नहीं दिखी जो घरेलू पिचों पर भारत की पहचान मानी जाती है।
उधर बल्लेबाज़ों का लगातार विफल होना और साझेदारी न बन पाना भारत की सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरा।
यह हार केवल दो मैचों की हार नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि भारत को अपनी तैयारी, मानसिकता और टीम संयोजन पर गंभीर पुनर्विचार करना होगा।
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