प्रोजेक्ट चीता के लिए मील का पत्थर, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताई खुशी
भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए शुरू किए गए ऐतिहासिक प्रोजेक्ट चीता को गुरुवार को एक बड़ी सफलता मिली है। कूनो नेशनल पार्क में भारत में ही जन्मी मादा चीता मुखी ने पांच शावकों को जन्म दिया है। यह पहली बार हुआ है जब देश में जन्मी किसी मादा चीता ने सफलतापूर्वक प्रजनन किया है। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी साझा करते हुए इसे भारत के संरक्षण इतिहास का ऐतिहासिक क्षण बताया।
यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि मादा चीता मुखी और उसके सभी शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने लिखा कि यह उपलब्धि भारत में चीतों की दीर्घकालिक उपस्थिति की उम्मीदों को मजबूत करती है और यह संकेत देती है कि देश की आवासीय परिस्थितियों में चीते सहज रूप से अनुकूलन कर रहे हैं।
यादव ने कहा—
“यह घटना प्रोजेक्ट चीता के भविष्य और भारत में आनुवंशिक रूप से विविध चीता आबादी स्थापित करने के हमारे लक्ष्य को और मजबूत करती है।”
संघर्ष से उठकर बनी ‘मुखी’ की सफलता कहानी
करीब 33 महीने पहले दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता ने कूनो में तीन शावकों को जन्म दिया था। उनमें से दो शावक कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में जीवित नहीं रह सके।
सिर्फ एक नन्ही मादा शावक—मुखी—बच पाई।
वह छोटी थी, कमजोर थी और उसके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल थे। लेकिन कूनो के वनकर्मियों की सतत निगरानी और उसकी अपनी जीवटता ने उसे धीरे-धीरे मजबूत बनाया।
मुखी ने समय के साथ:
शिकार करना सीखा,
अपने क्षेत्र की पहचान बनाई,
मौसम और भूगोल के प्रति अनोखी अनुकूलन क्षमता दिखाई,
और पूर्ण विकसित, आत्मनिर्भर चीता बन गई।
आज वही मुखी पाँच शावकों की माँ बनकर भारत में चीता पुनर्स्थापन कार्यक्रम की सबसे बड़ी उम्मीद बन गई है।
चीतों की संख्या बढ़कर 32 हुई
मुखी के पाँच शावकों के जन्म के साथ अब देश में चीतों की कुल संख्या 27 से बढ़कर 32 हो गई है।
हाल ही में दो नर चीते गांधी सागर अभयारण्य में सफलतापूर्वक पुनर्वासित किए गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुआ प्रोजेक्ट चीता अब अपने सबसे उत्साहजनक परिणामों के दौर में है। यह भारत के लिए वन्यजीव प्रबंधन का एक स्वर्णिम क्षण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा—
“यह भारत के वन्यजीव इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर है। चीता मुखी ने पाँच शावकों को जन्म दिया है। माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं।”
कूनो के लिए यह केवल एक जैविक सफलता नहीं, बल्कि संरक्षण विज्ञान, पर्यावरण प्रबंधन और वन्यजीव संरक्षण में भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण भी है।
A historic milestone has been achieved as Indian-born cheetah Mukhi has given birth to five cubs in Kuno National Park, Madhya Pradesh. The mother and cubs are doing well.
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 20, 2025
This is an unprecedented breakthrough for India’s cheetah reintroduction initiative. Mukhi, the first… pic.twitter.com/uSxZpVqnV4
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