भारत लौटे बिना नहीं मिलेगी राहत: बॉम्बे हाई कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका खारिज की...

विजय माल्या, जो कभी भारत के बहुत बड़े शराब कारोबारी थे और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक थे, उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से अब एक बहुत बड़ा झटका मिला है। अदालत ने साफ-साफ कह दिया कि जब तक माल्या खुद भारत वापस आकर कोर्ट में हाज़िर नहीं होंगे, उनकी कोई भी याचिका, कोई भी अपील या कोई भी आवेदन नहीं सुना जाएगा। यह फैसला माल्या के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है क्योंकि वे साल 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं और भारत आने से लगातार बचते रहे हैं।

माल्या ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि “भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम” उनके खिलाफ गलत तरीके से लगाया गया है। उनका दावा था कि यह कानून उन्हें परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया गया है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा। लेकिन अदालत ने उनकी इस बात पर सुनवाई करने से ही मना कर दिया। कोर्ट ने उनके वकील से सीधा सवाल पूछा कि “विजय माल्या भारत कब वापस आएंगे?” कोर्ट का कहना था कि जब तक यह साफ नहीं होगा, तब तक वे कोई भी कानूनी राहत देने पर विचार भी नहीं करेंगे।

अब अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 दिसंबर 2025 तय की है। लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया कि उस दिन भी सुनवाई तभी आगे बढ़ेगी जब माल्या खुद कोर्ट में मौजूद होंगे। यानी केवल वकील भेजने से काम नहीं चलेगा। अगर माल्या भारत नहीं आए, तो उनकी याचिका आगे नहीं बढ़ेगी।

विजय माल्या पर बहुत गंभीर आरोप हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी घाटे में चल रही किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए IDBI बैंक से करीब 900 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। बाद में यह भी सामने आया कि उन्होंने इस कर्ज के पैसे का गलत इस्तेमाल किया। पैसे को एयरलाइंस में लगाने के बजाय दूसरी गतिविधियों में खर्च कर दिया। इस बात के बाद सिर्फ IDBI बैंक ही नहीं, बल्कि SBI समेत कई बड़े सरकारी बैंकों ने भी उनके खिलाफ धोखाधड़ी और आर्थिक अपराधों की शिकायतें दर्ज कराईं।

CBI (सीबीआई) और ED (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में यह पाया गया कि माल्या ने लोन लेने के लिए कई फर्जी कागज़ दिखाए थे। जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जीवाड़ा, और वित्तीय गड़बड़ियों के कई केस बनाए हैं। इन मामलों की वजह से माल्या पर भारत में कानूनी दवाब लगातार बढ़ता गया।

जब साल 2016 में उनके खिलाफ जांच और केस तेज़ हुए, तब वे अचानक भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गए। तब से वे वापस नहीं आए। भारत सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए “प्रत्यर्पण प्रक्रिया” शुरू की। ब्रिटेन की अदालतों ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी भी दे दी, लेकिन माल्या ने कई कानूनी चालें, अपील और प्रक्रिया का इस्तेमाल करके अब तक खुद को वहां रोके रखा है।

अब बॉम्बे हाई कोर्ट के इस सख्त फैसले के बाद साफ हो गया है कि अगर माल्या कानूनी राहत चाहते हैं, तो सबसे पहले उन्हें भारत आना ही पड़ेगा। कोर्ट ने कह दिया है कि भारत आए बिना उन्हें किसी भी तरह की सुनवाई या राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

अब सबकी नजर 23 दिसंबर 2025 की सुनवाई पर है, लेकिन यह तभी मायने रखेगी जब माल्या खुद भारत लौटेंगे।

इंडिगो संकट गहराया: DGCA ने नए नियम वापस लिए, फ्लाइट रद्द होने से देशभर में हज़ारों यात्री परेशान

“हर प्रोटीन भोजन नहीं है फायदे का सौदा: फिटनेस विशेषज्ञ की चेतावनी और लाइफस्टाइल से जुड़े छिपे नुकसान”

पुतिन–मोदी दिल्ली वार्ता: भारत–रूस संबंधों में नई ऊर्जा, शांति प्रयासों पर जोर

यूक्रेन शांति प्रस्ताव पर अमेरिका-रूस में सहमति नहीं बनी