दूसरी पारी घोषित, दक्षिण अफ्रीका ने दिया पहाड़ जैसा टारगेट

गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी 260 रन पर घोषित कर भारत के सामने 549 रन का विशाल लक्ष्य खड़ा कर दिया। पहली पारी की 288 रन की बढ़त पहले ही मैच के संतुलन को एकतरफा बना चुकी थी, ऐसे में यह टारगेट भारतीय बल्लेबाजों के लिए कठिनतम चुनौती बन गया है।

मैच के चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे सेशन में पारी समाप्त घोषित की। उनकी बल्लेबाजी ने भारतीय गेंदबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा और टेस्ट के निर्णायक मोड़ पर साउथ अफ्रीका मजबूती से खड़ा दिखाई दिया।

स्टब्स की 94 रन की पारी, भारतीय गेंदबाजों पर भारी पड़ा प्रदर्शन

दक्षिण अफ्रीका के युवा बल्लेबाज ट्रिस्टन स्टब्स ने अपनी प्रतिभा और संयम का शानदार उदाहरण पेश करते हुए 94 रन की प्रभावशाली पारी खेली। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों का डटकर सामना किया और टीम को सुरक्षित स्थिति में पहुंचाया। टोनी डी जॉर्जी 49 रन बनाकर आउट हुए, जबकि रायन रिकेल्टन ने 35 रन का योगदान दिया। ऐडन मार्करम ने भी 29 रन का सहायक योगदान देकर टीम को स्थिरता प्रदान की।

भारत के लिए रवींद्र जडेजा सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने चार विकेट चटकाए। हालांकि उनके प्रयास दक्षिण अफ्रीका की बड़ी बढ़त को रोकने में मददगार साबित नहीं हुए।

पहली पारी में लड़खड़ाया भारतीय बल्लेबाजी क्रम

दक्षिण अफ्रीका ने पहले दिन टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी और पहली पारी में 489 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। उनकी बल्लेबाजी में हर स्तर पर संतुलन और धैर्य दिखा, जबकि भारतीय गेंदबाज लय हासिल नहीं कर सके।

जवाब में भारत तीसरे दिन मात्र 201 रन पर सिमट गया। भारतीय बल्लेबाज सामूहिक रूप से संघर्षरत रहे। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल मजबूत शुरुआत देने में नाकाम रहे। साई सुदर्शन, वाशिंगटन सुंदर और ध्रुव जुरेल जैसे युवा खिलाड़ियों में भी स्थिरता का अभाव दिखा। मध्यक्रम में ऋषभ पंत और जडेजा ने थोड़ी देर संभालने की कोशिश की, लेकिन साझेदारी लंबी नहीं चल सकी।

भारत के लिए असाधारण चुनौती—549 रन का पीछा, पिच लगातार धीमी

अब भारत के सामने यह लक्ष्य है जिसे हासिल करने के लिए उन्हें पांच सेशन से अधिक समय तक टिककर बल्लेबाजी करनी होगी। गुवाहाटी की पिच चौथे दिन तक आते-आते धीमी होती जा रही है और स्पिनर व अनियमित उछाल बल्लेबाजों के लिए चुनौती बन रहे हैं।

इतिहास गवाह है कि इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना विश्व क्रिकेट में बेहद दुर्लभ है। यह मैच भारत के लिए केवल रन बनाने का नहीं, बल्कि धैर्य और संयम की कठिन परीक्षा का अवसर बन गया है। भारत की उम्मीदें अब यशस्वी, राहुल, पंत और जडेजा की लंबी बल्लेबाजी पर टिकी हैं।

दोनों टीमों की ताकत—खिलाड़ियों ने दी अपनी-अपनी क्षमता की झलक

भारतीय टीम इस मैच में यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत, जडेजा, ध्रुव जुरेल, वाशिंगटन सुंदर, नीतीश रेड्डी, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ उतरी है। यह संयोजन युवा ऊर्जा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण का प्रतीक रहा, लेकिन पहली पारी में इस क्षमता का सही उपयोग नहीं दिखा।

वहीं दक्षिण अफ्रीका की टीम ऐडन मार्करम, रायन रिकेल्टन, टेम्बा बावुमा, टोनी डी जॉर्जी, ट्रिस्टन स्टब्स, काइल वेरिने, साइमन हार्मर, केशव महाराज, मार्को यानसन और सेनुरन मुथुसामी जैसे खिलाड़ियों के साथ उतरी, जिनका अनुभव और तकनीक मैच की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

मैच निर्णायक मोड़ पर—आने वाले सत्र तय करेंगे भारत का भविष्य

गुवाहाटी टेस्ट अब अपने निर्णायक मोड़ पर प्रवेश कर चुका है। भारत के सामने चुनौती केवल रन का पीछा करने की नहीं, बल्कि धैर्य, संयम और दृढ़ संकल्प की भी है। साउथ अफ्रीका की टीम आत्मविश्वास से भरी है और पिच उनकी योजना के अनुसार व्यवहार कर रही है।

आने वाले सत्र यह तय करेंगे कि भारत इस चुनौती को कितनी दूर तक ले जाता है और क्या वह मैच को पांचवें दिन तक खींचने में सक्षम होगा।

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