ढाका में शानदार प्रदर्शन, दीपशिखा-प्रिथिका-ज्योति की तिकड़ी ने दक्षिण कोरिया को हराया, मिश्रित टीम ने भी दिलाया गोल्ड

ढाका में चल रही एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत ने कंपाउंड वर्ग में एक बार फिर अपने दमदार प्रदर्शन का परिचय दिया है। भारतीय तीरंदाजों ने महिला टीम और मिश्रित टीम दोनों में स्वर्ण पदक जीतकर प्रतियोगिता में देश का अभियान शानदार बना दिया है। हालांकि पुरुष कंपाउंड टीम फाइनल में मामूली अंतर से हारकर रजत पदक तक ही सीमित रह गई।

ढाका में हो रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत का प्रदर्शन एशियाई तीरंदाजी (archery) में उसकी बढ़ती ताकत और निरंतरता को दर्शाता है।

महिला कंपाउंड टीम का स्वर्ण जीत तक का रोमांचक सफर

महिला कंपाउंड टीम फाइनल में भारत की दीपशिखा, प्रिथिका प्रदीप और ज्योति सुरेखा वेन्नम की तिकड़ी ने दक्षिण कोरिया की मजबूत टीम का सामना किया। पूरे मुकाबले में दोनों टीमों के बीच कड़ा संघर्ष रहा, लेकिन निर्णायक क्षणों में भारतीय तीरंदाजों ने बेहतरीन संयम और कौशल दिखाते हुए 236-234 से जीत हासिल की।

यह जीत न केवल टीम की उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय महिला तीरंदाज अब विश्व की शीर्ष टीमों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

पुरुष टीम को मिली करीबी हार, रजत से किया संतोष

पुरुष कंपाउंड टीम स्पर्धा में भारत के अभिषेक वर्मा, साहिल जाधव और प्रतमेश फुगे की तिकड़ी ने पूरे मुकाबले में बेहतरीन खेल दिखाया। हालांकि कजाखस्तान की टीम के खिलाफ 229-230 से मिली एक अंकीय हार निराशाजनक रही।
मुकाबला अत्यंत रोमांचक रहा, लेकिन अंतिम चरण में कजाख तीरंदाजों ने बढ़त बनाकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम को रजत से संतोष करना पड़ा, हालांकि उनके प्रदर्शन ने दर्शाया कि वे जीत के बेहद करीब थे।

मिश्रित टीम ने दिलाया दूसरा स्वर्ण, भारत की सफलता दोगुनी

मिश्रित टीम फाइनल में भारत के अभिषेक वर्मा और दीपशिखा की जोड़ी ने शानदार तालमेल और धैर्य का प्रदर्शन किया। उन्होंने बांग्लादेश की टीम—हिमु बाचार और बोन्ना आक्तर—को 153-151 से हराकर दूसरा स्वर्ण पदक देश की झोली में डाला।

पूरे मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने बढ़त बनाए रखी और निर्णायक पलों में सटीक निशानों से जीत सुनिश्चित की।

भारतीय तीरंदाजी की बढ़ती ताकत का संकेत

ढाका में जारी इस चैंपियनशिप में भारत का प्रदर्शन यह साबित करता है कि देश एशियाई स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अब एक मजबूत प्रतियोगी बन चुका है। विशेष रूप से कंपाउंड वर्ग में भारतीय तीरंदाज लगातार पदक जीत रहे हैं, जो देश में तीरंदाजी खेल के बढ़ते स्तर और प्रशिक्षण प्रणाली की गुणवत्ता को दर्शाता है।

भारतीय तीरंदाजों की यह सफलता युवाओं को प्रेरित करने के साथ आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भी उम्मीदें मजबूत करती है।

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