विदेश मंत्रियों की बातचीत में दिल्ली विस्फोट, वैश्विक तनाव, व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार विस्फोट के बाद भारतीय एजेंसियां लगातार जांच ()Investigationमें जुटी हैं। इस बीच अमेरिका ने इस जांच में भारत को सहायता देने की पेशकश की है। हालांकि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यह स्पष्ट किया कि भारत इस मामले को बेहद पेशेवर तरीके से संभाल रहा है और जांच की दिशा तथा गंभीरता को देखते हुए भारतीय अधिकारी स्वयं ही इस चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।
कनाडा में आयोजित जी-7 देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद रूबियो ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से हर संभव सहायता के लिए तैयार रहने का संदेश दिया गया है, लेकिन भारतीय जांच एजेंसियों की कार्यकुशलता पर पूरा भरोसा भी जताया गया है। उनके अनुसार, “भारतीय अधिकारी इस जांच को बहुत ही पेशेवर तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। हमें नहीं लगता कि उन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। वे अच्छा काम कर रहे हैं।”
जयशंकर और रूबियो के बीच विस्तृत चर्चा
जी-7 बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मार्को रूबियो की मुलाकात हुई। इस बातचीत में दिल्ली विस्फोट भी प्रमुख विषय रहा। जयशंकर ने बैठक के बाद बताया कि अमेरिका द्वारा पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त किए जाने पर उन्होंने आभार जताया। दोनों नेताओं ने न केवल इस विस्फोट पर चर्चा की बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने बताया कि वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती, यूक्रेन संघर्ष, पश्चिम एशिया की स्थिति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत सरकार विस्फोट की जांच को पूरी गंभीरता से ले रही है और राजधानी में सुरक्षा प्रबंधों को और मजबूत किया गया है।
राजधानी में हाई अलर्ट, आतंकी कनेक्शन की पड़ताल
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने विस्फोट वाले स्थान के आसपास के साक्ष्यों को एकत्र कर कई सुरक्षा संस्थानों के साथ साझा किया है। शुरुआती इनपुट के आधार पर आतंकवादी लिंक की संभावना की जांच भी जारी है। सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने के लिए तकनीकी निगरानी, स्थानीय इंटेलिजेंस और डिजिटल सबूतों की जांच तेज कर दी है।
विस्फोट के बाद से राजधानी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। महत्वपूर्ण स्थलों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और खुफिया तंत्र को भी अधिक सक्रिय कर दिया गया है। जांच एजेंसियां हर संभावित पहलू की गहराई से जांच कर रही हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विस्फोट किसी संगठित साजिश का हिस्सा था या किसी अन्य उद्देश्य से किया गया था।
अमेरिका पहले भी जता चुका है चिंता
इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका ने कहा था कि वह दिल्ली की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और यदि भारत चाहे तो सहायता देने के लिए तैयार है। अमेरिका की इस प्रतिक्रिया को भारत की सुरक्षा चुनौतियों के प्रति उसके सहयोगी रुख के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि उसके सुरक्षा तंत्र और जांच एजेंसियां किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। सरकार का ध्यान इस समय विस्फोट की असली वजहों का पता लगाने और जिम्मेदार तत्वों को पकड़ने पर केंद्रित है।
इन कूटनीतिक संवादों और सुरक्षा एजेंसियों की निरंतर सक्रियता के बीच यह स्पष्ट है कि भारत न केवल इस घटना को गंभीरता से ले रहा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर स्तर पर चौकसी भी बरत रहा है।
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