निर्यात प्रोत्साहन मिशन और ऋण गारंटी योजना से भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति, एमएसएमई और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के हालिया कैबिनेट फैसलों को भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में निर्यात बढ़ाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दो बड़ी योजनाओं — निर्यात प्रोत्साहन मिशन तथा निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना — को मंजूरी मिली। ये फैसले न केवल भारत के निर्यात तंत्र को आधुनिक बनाएंगे, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ की प्रतिष्ठा को भी दुनिया भर में और अधिक मजबूत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं का उद्देश्य भारत को वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनाना है, ताकि भारतीय उत्पादों की पहचान और मजबूत हो और भारत के उद्योगों को नई ऊर्जा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि 'मेड इन इंडिया' की गूंज पूरी दुनिया में तेज़ी से सुनी जाए और भारतीय उद्योग भविष्य की चुनौतियों का मजबूती से सामना कर सकें।
The Credit Guarantee Scheme for Exporters which has been approved by the Cabinet will boost global competitiveness, ensure smooth business operations and help realise our dream of an Aatmanirbhar Bharat.https://t.co/CCUeE1e1Ux
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2025
निर्यात प्रोत्साहन मिशन से निर्यात क्षेत्र में नई क्रांति
केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया निर्यात प्रोत्साहन मिशन आने वाले वर्षों में भारत के निर्यात ढांचे को बदलने वाला साबित हो सकता है। यह मिशन भारतीय उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर केंद्रित है, ताकि देश विश्व बाजार में मजबूती से मुकाबला कर सके। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मिशन विभिन्न पक्षों को एक मंच पर लाकर परिणाम आधारित तंत्र तैयार करेगा, जिससे नीतियों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
इस मिशन से विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अत्यधिक लाभ मिलेगा, जो देश के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं। श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मजबूत करने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को स्थिरता मिलेगी।
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निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना: बिना गारंटी मिलेगा ऋण
निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना को भी कैबिनेट की मंजूरी (cabinet decisions) मिली है। यह योजना उन उद्योगों को राहत देगी, जो बढ़ती वैश्विक चुनौतियों और शुल्कों के कारण आर्थिक दबाव झेल रहे थे। इस योजना के तहत बिना गारंटी ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे निर्यातकों का कामकाज सुचारू रूप से चल सकेगा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उनकी स्थिति मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री मोदी (pm modi) ने इस योजना को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम बताया है। उनके अनुसार, इससे न केवल मौजूदा उद्यमों को राहत मिलेगी बल्कि नए निर्यातकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत का निर्यात आधार और व्यापक होगा।
Ensuring ‘Made in India’ resonates even louder in the world market!
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2025
The Union Cabinet approved the Export Promotion Mission (EPM), which will improve export competitiveness, help MSMEs, first-time exporters and sectors that are labour-intensive. It brings together key…
महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरों में बदलाव, हरित ऊर्जा को बढ़ावा
कैबिनेट ने ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत करने का फैसला किया है। ये खनिज हरित ऊर्जा तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। दरों में बदलाव से देश की खनिज आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और वैश्विक बाजार में भारत की ऊर्जा तैयारियों को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह निर्णय न केवल आत्मनिर्भरता और स्थिरता को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में खनन से जुड़े उद्योगों को नई सक्रियता मिलेगी।
अमित शाह ने फैसलों को बताया ऐतिहासिक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इन फैसलों को ऐतिहासिक बताया और कहा कि सरकार ने 45,000 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी देकर भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बढ़ी शुल्क दरों से प्रभावित निर्यातकों को इन योजनाओं से सीधी सहायता मिलेगी।
अमित शाह ने बताया कि 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात प्रोत्साहन मिशन और 20,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना से भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी। उनके अनुसार, यह निर्णय एमएसएमई क्षेत्र को नई मजबूती देगा, जहां सबसे अधिक रोजगार सृजित होते हैं।
भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मिलेगा बल
इन योजनाओं का प्रभाव आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। निर्यात (export)पर आधारित उद्योगों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, नए उद्यम स्थापित होंगे और भारत के उत्पादों की मांग वैश्विक बाजार में बढ़ेगी। सरकार का लक्ष्य है कि भारत अपने उत्पादों के बल पर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती निर्यात अर्थव्यवस्था बने।
कैबिनेट के फैसलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार है और भारत की पहचान — ‘मेड इन इंडिया’ — को दुनिया में नई बुलंदी देने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।
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