सोना 2,211 रुपए और चांदी 7,103 रुपए की बड़ी बढ़त के साथ महंगी हुई, सालभर में दोनों धातुओं ने निवेशकों को दिया मजबूत रिटर्न

देशभर में सोना-चांदी के बाजार में आज, 13 नवंबर को भारी तेजी देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम सोने का भाव 2,211 रुपए की जबरदस्त बढ़त के साथ 1,26,124 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले बुधवार को इसका रेट 1,23,913 रुपए प्रति 10 ग्राम था। इसी तरह चांदी के भाव में भी बड़ी उछाल आई और यह 7,103 रुपए चढ़कर 1,63,808 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि बुधवार को इसका भाव 1,56,705 रुपए प्रति किलो था।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमती धातुओं की मांग में बढ़ोतरी, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों की बढ़ी रुचि इस उछाल के मुख्य कारण हैं। सोने और चांदी दोनों ने अक्टूबर में अपना ऐतिहासिक स्तर छुआ था। 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपए प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था, जबकि 14 अक्टूबर को चांदी 1,78,100 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी।

सालभर में सोना-चांदी ने निवेशकों को दिया मजबूत लाभ

इस साल सोने और चांदी दोनों के भावों में लगातार तेजी बनी हुई है। IBJA के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अब तक सोना 49,962 रुपए महंगा हुआ है। पिछले साल 31 दिसंबर को 10 ग्राम सोने की कीमत 76,162 रुपए थी, जो अब बढ़कर 1,26,124 रुपए तक पहुंच गई है।

चांदी ने भी निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है। बीते साल के अंत में 1 किलो चांदी 86,017 रुपए की थी, जबकि अब इसका भाव 1,63,808 रुपए हो गया है। यानी इस साल चांदी 77,791 रुपए महंगी हुई है, जो निवेशकों का भरोसा बढ़ाने वाली स्थिति है।

शहर-शहर अलग क्यों होते हैं सोने के दाम?

हालांकि सोने की कीमत एक मानक दर से तय होती है, फिर भी देश के अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत में अंतर देखने को मिलता है। इसके पीछे कई अहम वजहें हैं:

ट्रांसपोर्टेशन की लागत:
सोना एक भौतिक धातु है, जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में काफी खर्च होता है। आयात मुख्य रूप से हवाई मार्ग से होता है और फिर इसे आंतरिक क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से भेजा जाता है। इसमें ईंधन, सुरक्षा, गाड़ी और कर्मियों की लागत जुड़ती है।

डिमांड का अंतर:
देशभर में सोने की खपत एक जैसी नहीं है। दक्षिण भारत में कुल सोने की खपत का करीब 40% हिस्सा है, जहां व्यापारी बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं। इससे वहां के दाम अपेक्षाकृत कम रहते हैं, जबकि छोटे शहरों में कीमतें अधिक होती हैं।

स्थानीय ज्वेलरी एसोसिएशन का प्रभाव:
कई राज्यों में स्थानीय ज्वेलरी एसोसिएशन के द्वारा कीमतें तय की जाती हैं। जैसे तमिलनाडु में ज्वेलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा तय रेट का पालन होता है। इसी तरह अन्य राज्यों में अलग-अलग निकाय कीमतों को प्रभावित करते हैं।

खरीद मूल्य में अंतर:
ज्वेलर्स द्वारा खरीदे गए स्टॉक की खरीद कीमत भी अंतिम बिक्री दर को प्रभावित करती है। जिसने स्टॉक कम भाव में खरीदा है, वह ग्राहक को अपेक्षाकृत कम रेट पर बेच सकता है।

सोना खरीदते समय ध्यान रखें ये दो महत्वपूर्ण बातें

सोना खरीदना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक आर्थिक निर्णय भी है। इसलिए खरीदारों को इन दो बातों का खास ध्यान रखना चाहिए —

सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें:
हमेशा भारत सरकार की हॉलमार्किंग वाले सर्टिफाइड सोने की खरीद करें। यह बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा दिया गया प्रमाण होता है, जो बताता है कि सोना कितने कैरेट का है। हॉलमार्किंग नंबर आमतौर पर अल्फान्यूमेरिक होता है, जैसे – AZ4524।

कीमत की जांच अवश्य करें:
खरीदारी से पहले सोने का वजन, उसकी शुद्धता और उस दिन का बाजार भाव कई स्रोतों से जांच लें। 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं, इसलिए खरीदारी से पहले रेट की पुष्टि जरूरी है।

इन सभी तथ्यों को देखते हुए कहा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की तेजी, स्थानीय मांग और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों के चलते सोना-चांदी की कीमतों में तेजी अभी कुछ समय तक जारी रह सकती है।

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