पंजाब की राजनीति में गरमाई हवा: नवजोत कौर सिद्धू ने सिद्धू की राजनीतिक वापसी को किया स्पष्ट
पंजाब की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता रहे नवजोत सिंह सिद्धू के राजनीति में लौटने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। यह बयान उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने दिया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करती है, तभी सिद्धू राजनीति में वापसी पर विचार करेंगे।
शनिवार को नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने बताया कि सिद्धू इस समय राजनीति में वापस आने की कोई जल्दी में नहीं हैं, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं है।
नवजोत कौर ने कहा कि सिद्धू तभी राजनीति में दोबारा उतरने के बारे में सोचेंगे, जब कांग्रेस पार्टी उनकी शर्तों को स्वीकार करे और उन्हें पार्टी में सही भूमिका दी जाए। उनका कहना था कि सिद्धू पंजाब के लिए दिल से काम करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक मजबूत और साफ-साफ जिम्मेदारी चाहिए।
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू भविष्य में बीजेपी में भी जा सकते हैं, तो नवजोत कौर ने इस पर कोई साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला उनके पति ही कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धू का झुकाव पंजाब के विकास की तरफ है, न कि किसी खास पार्टी की तरफ।
नवजोत कौर ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा “हमारे पास 500 करोड़ रुपये नहीं हैं कि हम मुख्यमंत्री की कुर्सी खरीद लें। जिसने 500 करोड़ की सूटकेस दी, वही मुख्यमंत्री बन जाता है।” इस बयान के बाद पंजाब की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
नवजोत कौर ने दावा किया कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू और वह दोनों को सही जिम्मेदारी मिले, तो वे पंजाब को फिर से “सोने की चिड़िया” बना सकते हैं। उनका कहना था कि सिद्धू के पास विज़न भी है और जनता से जुड़ाव भी। लेकिन अभी तक कांग्रेस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह सिद्धू को क्या भूमिका देना चाहती है।
पंजाब कांग्रेस इस समय कमजोर स्थिति में है और कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में सिद्धू की वापसी पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम हो सकता है। लेकिन क्या कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करेगी, यह फिलहाल साफ नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिद्धू का यह रुख कांग्रेस पर दबाव बढ़ाता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सिद्धू की राजनीति में वापसी तभी संभव है जब पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए तैयार हो।
फिलहाल नवजोत सिंह सिद्धू इस पूरे मामले पर चुप हैं। लेकिन उनकी पत्नी के बयान ने यह साफ कर दिया है कि उनकी शर्तें पहले जैसी नहीं हैं। अब गेंद कांग्रेस के पाले में है।
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