भारत–ओमान व्यापार शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का संबोधन, आर्थिक साझेदारी को बताया साझा भविष्य का खाका

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मस्कट में आयोजित भारत–ओमान व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओमान को भारत का “हर मौसम मित्र” बताया। उन्होंने कहा कि भारत और ओमान के बीच हुआ व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता, यानी सीईपीए, दोनों देशों के संबंधों को 21वीं सदी में नया विश्वास और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह समझौता द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा और व्यापार व निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव लाएगा।

व्यापार मंच से रिश्तों में नई ऊर्जा का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–ओमान व्यापार शिखर सम्मेलन केवल एक औपचारिक मंच नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने व्यापारिक नेताओं से सीधा संवाद करते हुए आर्थिक सहयोग की संभावनाओं, निवेश के अवसरों और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मंच दोनों देशों के उद्योग जगत को एक-दूसरे के करीब लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अरब सागर बना मांडवी और मस्कट के बीच मजबूत पुल
सीईपीए पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि समुद्र के दोनों छोर बहुत दूर होते हैं, लेकिन मांडवी और मस्कट के बीच स्थित अरब सागर एक मजबूत पुल बन गया है। यह पुल न केवल व्यापार, बल्कि संस्कृति और अर्थव्यवस्था को भी जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्र की लहरें और ऋतुएँ बदल सकती हैं, लेकिन भारत–ओमान की मित्रता हर मौसम में और अधिक मजबूत होती जाती है।

PM MODI IN OMAN
PM MODI IN OMAN Photograph: (UNI)

सीईपीए से खुलेगा अवसरों का नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता दोनों देशों के साझा भविष्य का खाका है। इससे व्यापार को नई गति मिलेगी, निवेशकों को नया आत्मविश्वास मिलेगा और ऊर्जा, व्यापार, लॉजिस्टिक्स, तकनीक सहित हर क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में ओमान के पास अपार संभावनाएं हैं और सीईपीए इन संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने का माध्यम बनेगा।

भारत की आर्थिक सुधार यात्रा का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत में बीते 11 वर्षों में हुए आर्थिक सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल नीतियां नहीं बदलीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था का स्वरूप ही बदल दिया है। वस्तु एवं सेवा कर ने देश को एकीकृत और आपस में जुड़े बाजार में बदल दिया है। दिवाला और दिवालियापन संहिता से वित्तीय अनुशासन आया है और पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। उन्होंने बताया कि दर्जनों श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समेटना भारतीय इतिहास के सबसे बड़े श्रम सुधारों में से एक है।

PM MODI IN OMAN
PM MODI IN OMAN Photograph: (UNI)

70 वर्षों के संबंध: विरासत से भविष्य की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक वर्षगांठ नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि यह वह समय है, जब दोनों देश अपनी सदियों पुरानी विरासत को समृद्ध और साझा भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत–ओमान संबंध और अधिक गहरे, व्यापक और मजबूत होंगे।

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