“जज़्बा पुलिस अवार्ड–2025” समारोह में आधुनिक और तकनीक-सक्षम पुलिसिंग पर मुख्यमंत्री का जोर

भोपाल। मध्यप्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को और अधिक मजबूत व आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित स्टेट लेवल कॉन्फ्रेंस में पुलिस विभाग को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। यह सम्मेलन हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में लिए गए निर्णयों को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते अपराध के स्वरूप को देखते हुए पुलिसिंग में भी उसी स्तर की तकनीकी मजबूती और आधुनिक सोच आवश्यक है।

पुलिस मुख्यालय आगमन पर गार्ड ऑफ ऑनर
मुख्यमंत्री मोहन यादव के पुलिस मुख्यालय आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने सलामी गारद का निरीक्षण किया और इसके बाद मोबाइल फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहल को साइबर अपराधों की त्वरित जांच और डिजिटल साक्ष्यों के संकलन में बड़ी मदद के रूप में देखा जा रहा है।

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मध्यप्रदेश को मॉडल सुरक्षा राज्य बनाने का लक्ष्य
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य मध्यप्रदेश को ऐसा मॉडल राज्य बनाना है, जहां सुरक्षा मानक राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपराध अब केवल पारंपरिक नहीं रहे, बल्कि डिजिटल और साइबर माध्यमों से जुड़े अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में पुलिस बल को तकनीक-आधारित कार्यप्रणाली अपनाने, साइबर अपराधों से निपटने की क्षमता बढ़ाने और अत्याधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल को प्राथमिकता देनी होगी।

साइबर अपराध और डिजिटल फ्रॉड पर विस्तृत चर्चा
सम्मेलन में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, साइबर सेल के विशेषज्ञ, तकनीकी सलाहकार और विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में साइबर अपराध, डिजिटल फ्रॉड, डेटा सुरक्षा, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और एआई-आधारित पुलिसिंग जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों के रुझान, ऑनलाइन ठगी के नए तरीकों और उनसे निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों पर प्रस्तुतियां दीं।

मॉडर्न पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने पर सहमति
मॉडर्न पुलिसिंग के तहत स्मार्ट पेट्रोलिंग, ड्रोन सर्विलांस, फेस रिकग्निशन सिस्टम, इमरजेंसी रिस्पॉन्स मैकेनिज्म और डिजिटल रिकॉर्ड मैनेजमेंट को और प्रभावी बनाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तकनीकों के जरिए अपराध की रोकथाम, त्वरित कार्रवाई और जनता में सुरक्षा का भरोसा मजबूत किया जा सकता है।

साइबर सुरक्षा के लिए उन्नत प्रशिक्षण और संसाधन
सम्मेलन में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में पुलिस बल को उन्नत प्रशिक्षण देने, अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने और साइबर लैब्स को मजबूत करने के प्रस्ताव भी रखे गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल संसाधन उपलब्ध कराना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पुलिसकर्मियों को नई तकनीकों के इस्तेमाल में दक्ष बनाना भी उतना ही जरूरी है।

आंतरिक सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की इंट्रिसिक सेफ्टी यानी आंतरिक सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए नई रणनीतियां तय की गई हैं, जिनमें पुलिस बल को चरणबद्ध तरीके से नई तकनीक, आधुनिक हथियारों और विशेष प्रशिक्षण से लैस करने की योजना शामिल है।

जज़्बा पुलिस अवार्ड–2025 में उत्कृष्ट पुलिसकर्मियों का सम्मान
“जज़्बा पुलिस अवार्ड–2025” समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे पुलिस विभाग की प्रतिबद्धता, अनुशासन और सेवा भावना का प्रतीक है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से आह्वान किया कि वे इसी जज़्बे के साथ जनता की सेवा और सुरक्षा में जुटे रहें।

तकनीक-सक्षम और सुरक्षित प्रदेश की दिशा में कदम
यह सम्मेलन सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत मध्यप्रदेश को सुरक्षित, तकनीक-सक्षम और आधुनिक पुलिसिंग वाला राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इन प्रयासों से प्रदेश न केवल कानून-व्यवस्था में बल्कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

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