तीन दिवसीय यात्रा में जी-20 और आईबीएसए शिखर बैठकों में हिस्सा लेंगे प्रधानमंत्री, वैश्विक सहयोग और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ पर होगा भारत का फोकस
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार सुबह तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका यात्रा पर रवाना हो गए हैं। उनकी यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि अफ्रीका महाद्वीप में पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है और भारत इस ऐतिहासिक आयोजन में अपनी भूमिका और नेतृत्व को महत्वपूर्ण रूप से प्रस्तुत करेगा। रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के मजबूत होते संबंधों को याद करते हुए कहा कि भारत की 2023 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दिलाना दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊंचाई देता है। अब अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी-20 सम्मेलन भारत के लिए गर्व और गौरव की बात है।
अफ्रीका में पहली बार जी-20: भारत के लिए कूटनीतिक अवसर
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार मोदी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के निमंत्रण पर 21 से 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग में आयोजित होने वाले 20वें जी-20 लीडर्स समिट में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पहली बार है जब पूरा अफ्रीकी महाद्वीप जी-20 नेताओं की मेजबानी कर रहा है। भारत के लिए यह अवसर वैश्विक मंच पर दक्षिण–दक्षिण सहयोग को मजबूत करने और विकासशील देशों की आवाज बुलंद करने का मौका प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का दृष्टिकोण इस सम्मेलन में भारत की नीति का आधार रहेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता, समानता और साझेदारी को मजबूत करना समय की आवश्यकता है। इस वर्ष का थीम—‘समानता, एकजुटता और स्थिरता’—नई दिल्ली और रियो डी जनेरियो में हुए पिछले सम्मेलनों की सोच को आगे बढ़ाता है और वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की ओर इशारा करता है।
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आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु समाधान पर होगी विस्तृत चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित चुनौतियों और अवसरों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। दुनिया इस समय आर्थिक अस्थिरता, बढ़ती महंगाई, ऊर्जा वितरण संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर परिस्थितियों से गुजर रही है। ऐसे में भारत की भूमिका न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरे वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन में टिकाऊ विकास, स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी और समावेशी आर्थिक विकास जैसे बिंदुओं पर चर्चा की उम्मीद है। भारत लगातार यह बात उठाता रहा है कि संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग और विकासशील देशों को आर्थिक–तकनीकी सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वैश्विक विकास संतुलित रहे।
PM @narendramodi departs for South Africa to attend the 20th G20 Leaders’ Summit in Johannesburg at the invitation of President Cyril Ramaphosa.
— MyGovIndia (@mygovindia) November 21, 2025
This first-ever G20 Summit in Africa reflects the spirit of this year’s theme, ‘Solidarity, Equality and Sustainability.’ PM Modi… pic.twitter.com/Ee1qRpvPpv
आईबीएसए शिखर सम्मेलन: सहयोग के नए अध्याय की उम्मीद
प्रधानमंत्री जी-20 के समानांतर आईबीएसए (भारत–ब्राजील–दक्षिण अफ्रीका) के छठे शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। आईबीएसए उन देशों के बीच सहयोग की एक पहल है, जिनकी संस्कृति विविध होने के बावजूद विकास की आकांक्षाएं एक जैसी हैं। इस बैठक में व्यापार विस्तार, नई आर्थिक साझेदारी, जलवायु समाधान, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तार से बातचीत होने की संभावना है।
आईबीएसए जैसे मंच भारत को न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ नीति समन्वय का अवसर प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री की इस भागीदारी से भारत–दक्षिण अफ्रीका–ब्राजील के बीच आपसी भरोसा और आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
भारतीय समुदाय से संवाद: जुड़ाव और विश्वास की नई कड़ी
मोदी अपनी यात्रा के दौरान दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय प्रवासी समुदाय दुनिया में सबसे बड़े और सक्रिय समुदायों में से एक है। प्रधानमंत्री ने हमेशा इसे भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक दूत के रूप में देखा है।
अपने समुदाय संवाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भारतीय मूल के लोगों के अनुभव, उनकी चुनौतियों, उपलब्धियों और स्थानीय विकास में उनके योगदान के बारे में बातचीत करेंगे। यह संवाद भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को और गहरा करने का काम करेगा।
भारत–दक्षिण अफ्रीका संबंध: ऐतिहासिक मित्रता से भविष्य की साझेदारी तक
भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं। गांधीजी की कर्मभूमि रहे दक्षिण अफ्रीका और स्वतंत्र भारत के बीच ऐतिहासिक जुड़ाव आज भी दोनों देशों को रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मोर्चों पर जोड़ता है।
पिछले कुछ वर्षों में व्यापारिक विनिमय, शिक्षा, स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा और वैश्विक मंचों पर साझेदारी में भारी वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इन संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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