कुरुक्षेत्र में गीता जयंती पर आध्यात्मिक रंग, ब्रह्म सरोवर में मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना
कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि मंगलवार को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव से सराबोर हो उठी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह में भाग लेने के लिए ब्रह्म सरोवर पहुंचे। कुरुक्षेत्र को हिंदू धर्म की आध्यात्मिक धुरी माना जाता है, और इस पावन स्थल पर प्रधानमंत्री का आगमन पूरे समारोह को दिव्य प्रकाश से भर गया।
On his 350th Shaheedi Diwas, we bow to Sri Guru Teg Bahadur Ji. His unparalleled courage and supreme sacrifice inspire millions. pic.twitter.com/84oQU2CGp0
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्म सरोवर तट पर पहुंचकर मंत्रोच्चार के बीच अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने नारियल चढ़ाकर देश की सुख-समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की। सरोवर की पवित्र लहरों के साथ गूंजते वैदिक मंत्रों ने वातावरण को पूर्णत: आध्यात्मिक बना दिया और उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस क्षण को अत्यंत सम्मान और भावनाओं के साथ अनुभव किया।
सायंकालीन आरती ने रचा अद्भुत दृश्य, प्रकाश और भक्ति का संगम
पूजन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्रह्म सरोवर की सायंकालीन आरती में सम्मिलित हुए। दीपों की सुनहरी रेखाएँ सरोवर की जलधाराओं में प्रतिबिंबित होकर एक दिव्य छवि निर्मित कर रही थीं। आरती के दौरान प्रधानमंत्री शांत भाव से खड़े रहे और सरोवर की परिक्रमा करते हुए भक्तों के साथ आरती की अनुभूति साझा की।
इस पावन क्षण पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री मोदी को पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति भेंट की। गीता मनीषी स्वामी ज्ञाना नंद ने प्रधानमंत्री को गीता जयंती के ऐतिहासिक, वैदिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की आध्यात्मिक पहचान विश्वभर के लिए प्रेरणा है।
/filters:format(webp)/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/25/modi-at-brahmh-sarover-2025-11-25-20-55-19.jpg)
कुरुक्षेत्र की वैश्विक आध्यात्मिक पहचान पर बल, प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के रथ की प्रतिष्ठित मूर्ति के सामने विभिन्न देशों से आए शोधकर्ताओं और गीता भक्तों के साथ एक स्मृति-चित्र भी लिया। इस समूह फोटो में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वामी ज्ञाना नंद भी शामिल रहे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कुरुक्षेत्र की यह पावन भूमि वह स्थान है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने मानवता को गीता का अमूल्य ज्ञान दिया। यह शिक्षा न सिर्फ उस समय के समाज के लिए, बल्कि युगों-युगों तक पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शन का स्रोत बनी रही है। उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में गीता का अध्ययन बढ़ रहा है और इसका संदेश आधुनिक जीवन की चुनौतियों के बीच पथदर्शी बनता जा रहा है।
/filters:format(webp)/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/25/geeta-jayanti-2025-11-25-20-55-54.jpg)
प्रधानमंत्री ने हरियाणा सरकार को गीता जयंती के संरक्षण और प्रसार के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस आयोजन ने कुरुक्षेत्र की आध्यात्मिक पहुँच को वैश्विक मंच पर और मजबूत किया है।
✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
भुने चनों में खतरनाक रंग! सांसद ने उठाया बड़ा मुद्दा, सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग
सेलिना जेटली ने पति पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया, कोर्ट में दर्ज कराई शिकायत
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/25/modi-at-sarover-2025-11-25-20-58-55.jpg)