बदरीनाथ धाम के पट आज से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

हर साल की तरह इस बार भी पंचमी तिथि पर विशेष पूजा और मंत्रोच्चार के साथ कपाट बंद किए गए।

अब पूरे ठंड के मौसम में भगवान बदरीनाथ की पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में होगी। अगले साल गर्मियों में फिर से पट खुलेंगे और भक्तों को दर्शन मिलेंगे।

कपाट बंद होने से पहले हजारों श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे और बाबा बदरीनाथ के जयकारे लगाते रहे। पूरा धाम भक्तों से भरा रहा।

इस साल की चारधाम यात्रा अब खत्म हो गई है। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पट पहले ही बंद हो चुके थे। बदरीनाथ धाम बंद होने के बाद यात्रा पूरी तरह समाप्त हो गई।

इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की और बदरीनाथ के दर्शन किए। कपाट बंद होने का समय भक्तों के लिए हमेशा भावुक होता है, क्योंकि माना जाता है कि बदरीनाथ धाम के दर्शन से जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

कपाट बंद करते समय मां लक्ष्मी को बुलाने की परंपरा भी निभाई गई, जो हर साल की तरह इस बार भी की गई।

मंदिर के स्वर्ण शिखर पर लहराई धर्मध्वजा :दिव्यता, आस्था और गौरव की अद्भुत झलकियाँ

बहराइच बॉर्डर पर सुरक्षा अलर्ट: बिना अनुमति घुसे चीनी नागरिक से संदिग्ध सामग्री बरामद

गुवाहाटी टेस्ट में भारत के सामने 549 रन का विशाल लक्ष्य, चौथे दिन साउथ अफ्रीका ने खेल पर बनाई पकड़

भारत से होकर चीन की ओर बढ़ रही इथियोपिया ज्वालामुखी की राख — अगले कुछ घंटे में क्या खतरे हैं?