भुने हुए चने और कई और खाने की चीज़ों में रंग चमकाने के लिए की जा रही खतरनाक इंडस्ट्रियल डाई की मिलावट का मामला अब राज्यसभा तक पहुँच गया है।


सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर कड़े शब्दों में चिंता जताई है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पत्र में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि
भुने चने में ‘ऑरामाइन’ नाम की डाई मिलाई जा रही है। यह एक इंडस्ट्रियल डाई है, जिसका उपयोग कपड़ों और चमड़े को रंगने में होता है। खाने में इसका इस्तेमाल पूरी तरह गैर-कानूनी है।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ फूड सेफ्टी नियमों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि लोगों की सेहत और भरोसे के साथ सीधा खिलवाड़ है।
यह मामला FSSAI की निगरानी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 में ऑरामाइन पर पूरी तरह पाबंदी है।
WHO की रिसर्च एजेंसी के मुताबिक यह डाई कैंसर पैदा कर सकती है खासकर लिवर, किडनी और ब्लैडर कैंसर। इसके अलावा न्यूरोलॉजिकल नुकसान तक हो सकता है।

इसके बावजूद बाज़ार में मिलावट बिना रोक-टोक चल रही है।
मार्केट पर ठीक से नजर नहीं रखी जा रही, टेस्टिंग कम हो रही है, पब्लिक को समय पर चेतावनी नहीं मिलती और कार्रवाई का सिस्टम भी कमजोर है।
सबसे बड़ी बात इन सब पर कोई साफ जवाबदेही नहीं है, इसलिए ये खतरनाक मिलावट बेधड़क चलती जा रही है।

FSSAI की निगरानी पर सवाल

प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ कहा कि यह पूरा मामला दिखाता है कि FSSAI की निगरानी में बड़ी कमी है।

उन्होंने कफ सिरप वाले मामलों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि जन स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखा जाए।
सांसद ने इस पूरे मामले की तत्काल जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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