ड्रोन और अल्ट्रासोनिक मशीनों से होगी रेलवे ट्रैक की नई जांच
राज्यसभा में हाल ही में रेलवे की सुरक्षा को लेकर काफी बहस हुई। कुछ दिनों पहले जो रेल दुर्घटनाएँ हुई थीं, उन पर विपक्ष ने सरकार से कई सवाल किए। विपक्ष ने साफ कहा कि रेलवे में सुरक्षा ठीक नहीं है, ट्रैक की देख-रेख ठीक नहीं हो रही है और सिग्नलिंग सिस्टम में भी काफी खराबियाँ हैं। इन बातों पर राज्यसभा में शुक्रवार को बहुत चर्चा हुई।
इन सवालों का जवाब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया। रेल मंत्री ने कहा कि सरकार इन घटनाओं को बहुत गंभीरता से देख रही है। उन्होंने बताया कि जितनी भी दुर्घटनाएँ हुई हैं, उन सबकी जांच तेजी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बार जांच सिर्फ कागजों में नहीं होगी, बल्कि जहां भी किसी भी तरह की गलती मिलेगी चाहे वह मानव गलती हो, तकनीकी गलती हो या फिर प्रबंधन की तरफ से गलती हो वहाँ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रेल मंत्री ने आगे बताया कि रेलवे में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई नए कदम पहले से ही शुरू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि ट्रेनों का संचालन और ज्यादा सुरक्षित हो सके। इसके अलावा ट्रैक मॉनिटरिंग को भी डिजिटल बनाया जा रहा है। यानी अब ट्रैक की निगरानी पुरानी तरीके से नहीं, बल्कि आधुनिक मशीनों और तकनीक से की जाएगी।
ROB और RUB की पॉलिसी में विशेष ध्यान दिया गया है, क्योंकि यह सेफ्टी का एक इंपॉर्टेंट फैक्टर है। विशेषकर ओवरब्रिज में लगभग 100 के आसपास स्टैंडर्ड डिजाइन्स बनाई गई हैं, जिससे कोई भी डिपार्टमेंट जल्दी से जल्दी अप्रूवल करा सके: माननीय रेल मंत्री श्री @AshwiniVaishnaw जी pic.twitter.com/MfpWtFLmpS
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 5, 2025
उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे में कवच सिस्टम को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। कवच एक सुरक्षा प्रणाली है, जो ट्रेनों को टकराने से रोकती है। रेल मंत्री ने कहा कि अगर कवच पूरे देश में लग जाए, तो ट्रेन टक्कर की घटना लगभग खत्म हो जाएगी। यह सिस्टम ट्रेन को अपने-आप रोक देता है अगर उसके सामने कोई खतरा होता है।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि अब रेलवे ट्रैक की जांच के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। ड्रोन ऊपर से ट्रैक की वीडियो बनाते हैं, जिससे ट्रैक में छोटी से छोटी समस्या भी पकड़ में आ जाती है। इसके साथ-साथ, रेलवे अब अल्ट्रासोनिक मशीनों का भी उपयोग कर रहा है। ये मशीनें ट्रैक के अंदर छिपी दरारें भी पकड़ लेती हैं, जो आंखों से दिखाई नहीं देतीं। इससे दुर्घटनाएँ पहले ही रोकी जा सकती हैं।
वैष्णव ने कहा कि सरकार का जोर है कि हर दुर्घटना से सीख लेकर तुरंत सुधार किया जाए। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आते ही उस पर काम शुरू कर दिया जाता है। मतलब सुधार में कोई देरी नहीं की जाती।
उन्होंने कहा कि रेलवे में सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा है, और सरकार इसे हल्के में नहीं ले रही। नई तकनीक, नए नियम और सख्त कार्रवाई तीनों पर काम चल रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में रेलवे और सुरक्षित होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
समग्र रूप से रेल मंत्री का कहना था कि रेलवे की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है, और जितनी भी कमियाँ हैं, उन्हें जल्दी से जल्दी ठीक किया जाएगा।
विजय माल्या को बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा झटका, कहा—पहले भारत आओ, फिर होगी सुनवाई
मोदी–पुतिन बैठक: भारत–रूस ने कई बड़े समझौतों पर किए हस्ताक्षर, रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम
इंडिगो संकट गहराया: DGCA ने नए नियम वापस लिए, फ्लाइट रद्द होने से देशभर में हज़ारों यात्री परेशान
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/12/05/train-2025-12-05-17-14-41.jpg)