देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया सिख धर्म के दसवें गुरु का प्रकाश उत्सव
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह के पावन प्रकाश पर्व के अवसर पर पूरे देश में श्रद्धा, सम्मान और आस्था का वातावरण देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन को साहस, करुणा और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन और उनके विचार आज भी समाज को सत्य, न्याय, धर्म और मानव गरिमा की रक्षा के लिए प्रेरित करते हैं।
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प्रधानमंत्री का संदेश: सेवा और कर्तव्य का मार्ग दिखाने वाला जीवन
प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक माध्यम मंच एक्स पर अपने संदेश में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का दृष्टिकोण पीढ़ियों से मानवता को सेवा, निस्वार्थ कर्तव्य और अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा देता रहा है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने अपने जीवन से यह सिखाया कि धर्म केवल उपदेश नहीं, बल्कि अन्याय के सामने निर्भीक होकर खड़े होने की शक्ति है।
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प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में इस वर्ष की शुरुआत में किए गए तख्त हरिमंदिर जी पटना साहिब के दर्शन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उस पावन स्थल पर गुरु गोबिंद सिंह और माता साहिब कौर से जुड़े पवित्र स्मृतियों के दर्शन कर उन्हें गहन आध्यात्मिक अनुभूति हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे स्थल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना के जीवंत प्रतीक हैं।
On the sacred Parkash Utsav of Sri Guru Gobind Singh Ji, we bow in reverence to him. He remains an embodiment of courage, compassion and sacrifice. His life and teachings inspire us to stand for truth, justice, righteousness and to protect human dignity. Sri Guru Gobind Singh… pic.twitter.com/QfudU2di3U
— Narendra Modi (@narendramodi) December 27, 2025
राष्ट्रपति और केंद्रीय नेतृत्व ने किया स्मरण
प्रकाश पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी गुरु गोबिंद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह अदम्य साहस और दूरदर्शिता के प्रतीक थे। उनकी शिक्षाएं एक ऐसे समाज की कल्पना करती हैं, जो एकता, करुणा और समानता पर आधारित हो। राष्ट्रपति ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने धर्मपूर्वक जीवन जीने और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए समाज को संगठित किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरु गोबिंद सिंह को ‘सरबंसदानी’ बताते हुए कहा कि मानव इतिहास में उनके जैसा त्याग अत्यंत दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार सहित सर्वोच्च बलिदान दिया और खालसा पंथ की स्थापना कर समाज को सेवा के साथ-साथ आत्मरक्षा की शक्ति प्रदान की।
Warm greetings to all on the sacred occasion of the Prakash Purab of Sri Guru Gobind Singh Ji. On this day, we bow in reverence to Sri Guru Gobind Singh Ji, a beacon of courage, wisdom, and compassion.
— Vice-President of India (@VPIndia) December 27, 2025
He inspired generations to uphold truth, justice, and righteousness, and to…
विभिन्न नेताओं की श्रद्धांजलि
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन और उनके विचार सदियों तक मानवता को प्रेरित करते रहेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का निडर स्वभाव, समानता और कर्तव्य का संदेश एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण की प्रेरणा देता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने सम्पूर्ण मानवता को शांति, प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि मानव कल्याण, साहस और सत्य के लिए गुरु गोबिंद सिंह द्वारा दिखाया गया मार्ग सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
मुख्यमंत्रियों ने भी किया नमन
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन शौर्य, त्याग और आध्यात्मिक उत्कर्ष का अद्वितीय उदाहरण है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का संघर्ष और धर्मरक्षा का संदेश संपूर्ण मानवता को सत्य और निर्भीकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना कर गुरु गोबिंद सिंह ने मानवता को अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का साहस दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन चरित्र साहस, सत्य और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।
गुरु गोबिंद सिंह की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
प्रकाश पर्व के अवसर पर देशभर में हुए आयोजनों और नेताओं के संदेशों ने यह स्पष्ट किया कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन और उनके विचार आज भी समाज के लिए उतने ही प्रासंगिक हैं। अन्याय के विरुद्ध संघर्ष, समानता, सेवा और मानव गरिमा की रक्षा का उनका संदेश वर्तमान समय में भी सामाजिक चेतना को दिशा देता है।
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