घटना की सूचना दो दिन बाद घायल मजदूर के जरिये मिली, सेना और बीआरओ ने बड़े स्तर पर बचाव अभियान चलाया

इटानगर।
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉओ जिले में हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। मेतेंगलियांग गांव के पास एक ट्रक लगभग 800 मीटर गहरी खाई में गिर गया, जिसमें सवार 21 मजदूरों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। बेहद दुर्गम इलाके में हुए इस हादसे की जानकारी पुलिस को दो दिन बाद मात्र एक घायल मजदूर के जरिये मिली, जिसने किसी तरह जान बचाकर बीआरटीएफ शिविर तक पहुंचकर घटना की सूचना दी।

दो दिन तक किसी को खबर नहीं, घायल मजदूर ने बताया पूरा घटनाक्रम

पुलिस अधीक्षक अनुराग द्विवेदी के अनुसार हादसा 8 दिसंबर की रात करीब 9 बजे हुआ। ट्रक असम के तिनसुकिया जिले से चगलागाम की ओर मजदूरों को लेकर जा रहा था। रास्ता अत्यंत खतरनाक और ढलान वाला था, जहां ट्रक फिसलकर गहरी खाई में जा गिरा।
इस हादसे के बाद कोई भी व्यक्ति घटनास्थल तक नहीं पहुंच सका, क्योंकि इलाका दुर्गम है और मोबाइल नेटवर्क न के बराबर है।

10 दिसंबर को जब मजदूर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे, तो उनके साथियों ने हयूलियांग पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत की। उसी दौरान बीआरटीएफ के एक शिविर से सूचना मिली कि एक घायल मजदूर वहां पहुंचा है। उसने बताया कि वह 21 अन्य मजदूरों के साथ ट्रक में सफर कर रहा था, जो दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में गिर गया।
इसी सूचना के आधार पर खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया।

17 शव बरामद, बाकी शवों की खोज जारी

भारी कठिनाइयों वाले इलाके में पुलिस, सेना, बीआरओ, प्रशासन और स्थानीय दलों ने मिलकर रातभर खोजबीन की।
अंतिम सूचना तक 17 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि बाकी चार शवों को निकालने का प्रयास जारी है।
मृतकों की पहचान बुधेश्वर दीप, राहुल कुमार, समीऱ दीप, जॉन कुमार, पंकज मानकी, अजय मानकी, विजय कुमार, अभय भूमिज, रोहित मानकी, बीरेंद्र कुमार, अगर ताती, धीरेन चेतिया, रजनी नाग, दीप गोवाला, रामचबक सोनार, सोनातन नाग, संजय कुमार, करण कुमार और जोनाश मुंडा के रूप में हुई है।

सेना और बीआरओ ने मिलकर शुरू किया बड़ा सर्च ऑपरेशन

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना ने 10 दिसंबर की देर रात सूचना मिलते ही बड़े स्तर पर सर्च और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
यह दुर्घटना हायुलियांग-चगलागाम सड़क के 40वें किलोमीटर पर हुई थी, जो चगलागाम से लगभग 12 किलोमीटर दूर अत्यंत कठिन भू-भाग में आता है।
पहाड़ों की ढलान, घने जंगल, पथरीला मार्ग और खराब विज़िबिलिटी ने खोज कार्य को और चुनौतीपूर्ण बना दिया, लेकिन सेना, सिविल प्रशासन, पुलिस और बीआरओ के संयुक्त प्रयासों से अधिकतर शवों को निकाल लिया गया।

मजदूरों के परिजनों में शोक का माहौल

असम और झारखंड से आए अधिकांश मजदूरों के परिवारों में हादसे की खबर फैलते ही कोहराम मच गया है। जिला प्रशासन ने मृतकों के शवों को उनके गृह राज्यों भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार ने इस दुखद घटना की गंभीरता को देखते हुए राहत और सहायता प्रक्रिया को तेज गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।


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