सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, सुरक्षा एजेंसियों ने की सघन तलाशी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा और जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में दो अलग-अलग घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। एक ओर अल्मोड़ा में बड़ी मात्रा में जिलेटिन छड़ें बरामद होने से पुलिस जांच में जुट गई है, वहीं दूसरी ओर सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन की हलचल के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
अल्मोड़ा जनपद के थाना सल्ट क्षेत्र में राजकीय उमावि डबरा स्कूल के पास से कुल 161 जिलेटिन छड़ें मिलीं। ये जिलेटिन छड़ें आमतौर पर सड़कों के निर्माण, पहाड़ी चट्टानें तोड़ने या खनन कार्यों में उपयोग की जाती हैं, लेकिन इन्हीं विस्फोटक सामग्रियों का दुरुपयोग आतंकी घटनाओं में भी किया जाता रहा है। यही कारण है कि पुलिस इस बरामदगी को अत्यंत गंभीरता से देख रही है।
यह मामला उस समय सामने आया, जब 20 नवंबर की शाम स्कूल के प्रधानाचार्य ने थाना सल्ट को सूचना दी कि खेलते हुए बच्चों को जंगल के किनारे संदिग्ध सामग्री दिखाई दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और इलाके को पूरी तरह घेराबंदी करके सुरक्षित किया। जांच के दौरान घास-झाड़ियों के बीच छिपाकर रखी गई कुल 161 छड़ें बरामद की गईं। पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है और विस्फोटक सामग्री के स्रोत, उद्देश्य और संभावित इस्तेमाल की दिशा में जांच आगे बढ़ाई जा रही है।/swadeshjyoti/media/post_attachments/h-upload/2025/11/22/156166-gelatin-rods--583903.jpg)
सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधि से बढ़ी चिंता
जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में शुक्रवार देर रात अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट एक पाकिस्तानी ड्रोन दिखाई दिया। यह ड्रोन पाकिस्तान के चक भूरा पोस्ट से उड़कर भारतीय क्षेत्र में घुसा और घगवाल इलाके के रीगल गांव के ऊपर कई मिनट तक मंडराता रहा। इसके बाद यह वापस सीमा के उस पार लौट गया।
ड्रोन की हलचल के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। आमतौर पर ऐसे ड्रोन का उपयोग हथियारों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जाता है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने खेतों, घरों, खाली स्थानों और संभावित ठिकानों की बारीकी से जांच की। शनिवार सुबह भी तलाशी अभियान जारी रहा, लेकिन अभी तक किसी संदिग्ध वस्तु या पैकेट के मिलने की जानकारी नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सांबा जिला सीमा पार की गतिविधियों के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। इससे पहले भी यहां कई बार ड्रोन देखे जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि सीमा पार के आतंकी संगठन इन ड्रोन के जरिए राज्य में अस्थिरता फैलाने और आतंकियों तक सामान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि हर बार ड्रोन दिखने के बाद पूरी सीमा पर गहन तलाशी और निगरानी बढ़ा दी जाती है।
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दोनों घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को और चौकस कर दिया है। अल्मोड़ा में विस्फोटक सामग्री मिलने और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधि के बाद पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार निगरानी बढ़ाकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
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