भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज सोमवार को अंतिम दिन रहा। सदन की कार्रवाई के दौरान कांग्रेस ने भाजपा विधायकों को उनके क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह केवल अखबारों की सुर्खियां हैं और ऐसा कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है।
भाजपा के भीतर भी विरोध के स्वर
कांग्रेस विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा कि सरकार इसे महज एक जुमला बता रही है, जबकि भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने खुद सदन में अपने भाषण में कहा था कि सरकार ने विकास कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस विषय पर दो अलग-अलग बातें कर रही है।
चिंतामण मालवीय के बयान पर उठा विवाद
वहीं, कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय के एक विवादित बयान को लेकर पार्टी की ओर से जारी शोकॉज नोटिस का मुद्दा उठाया और इस पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करने का आश्वासन दिया।
मीडिया से बातचीत में भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है और जब नोटिस मिलेगा तो वे तथ्यों के आधार पर जवाब देंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “जो मेरा बयान है, वही अंतिम है। मैंने जो भी कहना था, वह सदन में कह दिया। माफी मांगना मेरा स्वभाव नहीं है।”
उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण पर सवाल
दरअसल, चिंतामणि मालवीय ने 18 मार्च को विधानसभा में उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थायी अधिग्रहण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि किसानों को इस अधिग्रहण को लेकर शंका है कि कहीं यह कॉलोनाइज़र्स और भू-माफिया का षड्यंत्र तो नहीं। उन्होंने कहा, “कोई व्यक्ति दस या बीस हजार करोड़ कमा सकता है, लेकिन याद रखें कि कफन में जेब नहीं होती।”
उनके इस बयान के बाद मामला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया, जिसके बाद प्रदेश भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया और सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा है।
मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार
विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने प्रदेश में शिशु और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर का मामला उठाया। इस पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में पहले की तुलना में सुधार हुआ है, लेकिन इसमें और अधिक सुधार की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
शिवपुरी में शबरी माता आश्रम का काम रुका
कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 25 नवंबर 2017 को शिवपुरी जिले में शबरी माता आश्रम बनाने की घोषणा का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि इस परियोजना का क्या हुआ?
इस पर संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने जवाब दिया कि शिवपुरी जिले में शबरी माता आश्रम और कम्युनिटी सेंटर के लिए दो हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई थी। प्रस्ताव आदिम जाति कल्याण विभाग को भेजा गया, लेकिन विभाग की ओर से राशि जारी नहीं की गई।
मंत्री ने बताया कि 2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी, तो इस योजना पर कोई काम नहीं हुआ और फिर कोरोना महामारी के कारण भी देरी हुई। इसके बाद आश्रम के लिए 55 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन चूंकि प्रस्तावित भूमि वन क्षेत्र में आती थी, इसलिए काम की अनुमति नहीं दी गई।
‘कर्ज लेकर घी पी रही सरकार’ – उमंग सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार युवाओं को नौकरियां देने, पीएससी छात्रों की समस्याओं और किसानों की खाद-कर्ज की दिक्कतों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, “सरकार लगातार कर्ज ले रही है और बड़े-बड़े इवेंट करा रही है, लेकिन आम जनता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। सरकार का ध्यान केवल दिखावटी योजनाओं पर है, जिससे जनता का कोई लाभ नहीं हो रहा।”
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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