भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में आगामी ग्रीष्मकाल में संभावित जल संकट को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में पेयजल व्यवस्था की निगरानी करें। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि जल संकट से न केवल आम नागरिक बल्कि पशु-पक्षी भी प्रभावित न हों।
सौर ऊर्जा से संचालित होंगी जल योजनाएं
कैबिनेट बैठक में आत्मनिर्भर नगर निगम और नगर पालिका बनाने की दिशा में भी बड़ा फैसला लिया गया। वर्तमान में नगर निकायों का सबसे अधिक व्यय वेतन और पेयजल आपूर्ति के लिए बिजली बिल पर होता है। इसे कम करने के लिए कैबिनेट ने जल योजनाओं में सौर ऊर्जा का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समूह जल योजनाओं के संचालन के लिए सोलर प्लांट लगाने की मंजूरी दी गई है। इससे जल आपूर्ति योजनाओं का आर्थिक भार कम होगा और अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने पर इसे बिजली कंपनियों को बेचा भी जा सकेगा। इस योजना से प्रदेश की जल आपूर्ति व्यवस्था को सस्ती और सुलभ बनाने में मदद मिलेगी।
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के नुकसान की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे शीघ्रता से सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को आपदा प्रबंधन के माध्यम से मुआवजा प्रदान करें। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को समय पर राहत मिले और उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई हो।
प्रदेशभर में मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा पर्व
कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया कि अब गुड़ी पड़वा का पर्व पूरे प्रदेश में नववर्ष के रूप में मनाया जाएगा। अब तक यह पर्व मुख्य रूप से इंदौर और उज्जैन में ही मनाया जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में इसे भव्य रूप से मनाया जाए। मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभिन्न जिलों में जाकर इस आयोजन में भाग लें। इस अवसर पर लोगों से गुठ धनिया और नीम की पांच कोपलों का सेवन करने का आग्रह किया जाएगा, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती हैं।
उज्जैन में पुनः आकार लेगा काल गणना केंद्र
कैबिनेट बैठक में उज्जैन में काल गणना केंद्र को पुनः स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि प्राचीन काल में उज्जैन को काल गणना का केंद्र माना जाता था। भारतीय गणितज्ञों ने समय की गणना को एक सेकंड के 34 हजारवें हिस्से तक विकसित किया था। इस अद्भुत गणना प्रणाली को विश्व पटल पर पुनः स्थापित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसी क्रम में 12 से 14 अप्रैल तक दिल्ली में विक्रम संवत महोत्सव के अंतर्गत सम्राट विक्रमादित्य पर एक महानाट्य का भी आयोजन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में सबसे अधिक वाइल्डलाइफ सेंचुरी
पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। ओंकारेश्वर में प्रदेश की 26वीं वाइल्डलाइफ सेंचुरी को मंजूरी दी गई है। यह सेंचुरी 614 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली होगी। मध्यप्रदेश अब देश में सर्वाधिक वाइल्डलाइफ सेंचुरी वाला राज्य बन गया है।
इसके अलावा, यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल खजुराहो में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए होटल इंडस्ट्री के लिए 19 एकड़ भूमि ओबेराय ग्रुप को देने की मंजूरी दी गई है। इससे क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
औद्योगिकीकरण को मिलेगी गति
मध्यप्रदेश में औद्योगिकीकरण को तेज करने के लिए सरकार ने जीआईएस (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) की प्रगति पर भी चर्चा की। कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि सभी विभागों के प्रमुख सचिव अपने स्तर पर एमओयू की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं हर दो महीने में इसकी समीक्षा करेंगे।
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि हाल ही में 21 मार्च को भिंड-चंबल क्षेत्र में 18 भूमि पूजन संपन्न हुए हैं। ग्वालियर सहित अन्य स्थानों पर भी कई औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि पूजन किए गए हैं। सरकार को विश्वास है कि आगामी एक वर्ष में प्रदेश में व्यापक स्तर पर औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी।
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