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April 18, 2025 4:24 PM

“राम नवमी पर ऐसे करें श्रीराम की पूजा, जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

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राम नवमी का महत्व
राम नवमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, जिन्होंने सत्य, धर्म और कर्तव्य की राह पर चलते हुए आदर्श जीवन प्रस्तुत किया। यह दिन विशेष रूप से अयोध्या, काशी, चित्रकूट और रामेश्वरम सहित पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

राम नवमी 2025 कब है? (Ram Navami 2025 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, राम नवमी 2025 में 6 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है।

राम नवमी की तिथि और शुभ मुहूर्त:

  • नवमी तिथि प्रारंभ: 5 अप्रैल 2025, शाम 01:23 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त: 6 अप्रैल 2025, दोपहर 03:14 बजे
  • राम नवमी पूजन मुहूर्त: सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक

राम नवमी का पौराणिक महत्व

राम नवमी का उल्लेख हिंदू ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में इस दिन की महिमा का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में जब धरती पर अधर्म और असुर शक्तियों का प्रकोप बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के पुत्र के रूप में श्रीराम का अवतार लिया।

राम नवमी से जुड़े पौराणिक तथ्य:

  1. अयोध्या में जन्म – भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था, जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नगरों में से एक माना जाता है।
  2. धर्म और सत्य की स्थापना – श्रीराम ने रावण का वध करके अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की और सत्य की स्थापना की।
  3. मर्यादा पुरुषोत्तम – श्रीराम ने अपने जीवन में आदर्श राजा, पुत्र, भाई और पति के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाया।

राम नवमी पर पूजा विधि (Ram Navami Puja Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प – सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल डालकर स्नान करें।
  2. भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें – पूजा स्थान को साफ करें और भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें – इस दिन रामचरितमानस का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
  4. आरती और भोग – भगवान राम को फल, पंचामृत, मिष्ठान और तुलसी अर्पित करें और घी का दीपक जलाकर आरती करें।
  5. राम नाम का जाप – ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  6. कथा एवं भजन-कीर्तन – घर या मंदिर में राम कथा का आयोजन करें और भजन-कीर्तन करें।

राम नवमी पर विशेष मंत्रों का जाप (Ram Navami Mantra Jaap)

राम नवमी पर भगवान श्रीराम के निम्न मंत्रों का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है:

  1. श्रीराम मंत्र:
    ॥ श्रीराम जय राम जय जय राम ॥
    इस मंत्र का 108 बार जाप करने से सभी संकट दूर होते हैं।
  2. राम रक्षा स्तोत्र मंत्र:
    ॥ रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् ।
    शयनं पार्वतीपतिं स्कन्दगुहं नमाम्यहम् ॥

    इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सफलता और शांति आती है।
  3. राम गायत्री मंत्र:
    ॥ ॐ दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि।
    तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

    इस मंत्र का जाप करने से मन को शुद्धता और शक्ति मिलती है।
  4. श्रीराम ध्यान मंत्र:
    ॥ नीलांबुज श्यामल कोमलांगं, सीतासमारोपित वामभागम्।
    पाणौ महासायक चारुचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथम् ॥

    इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  5. हनुमान चालीसा का पाठ – श्रीराम के भक्त हनुमान जी की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।

राम नवमी का उत्सव और महत्व

  • अयोध्या में विशेष आयोजन – अयोध्या में इस दिन विशेष भव्य समारोह होते हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भव्य पूजन और शोभायात्रा निकाली जाती है।
  • राम लला के दर्शन – इस दिन मंदिरों में श्रीराम के बाल रूप के दर्शन किए जाते हैं।
  • उपवास और भजन-कीर्तन – कई भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और दिनभर राम नाम का जप करते हैं।
  • दान-पुण्य का महत्व – गरीबों को भोजन कराना, अन्न, वस्त्र और अन्य जरूरत की चीजें दान करना पुण्यदायी माना जाता है।

राम नवमी का आध्यात्मिक संदेश

राम नवमी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। यह हमें सिखाता है कि सत्य, धैर्य, संयम और कर्तव्य का पालन करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

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