गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाएं बनाएं

मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय “राज्य स्तरीय कार्यशाला” और “वाटर शेड महोत्सव” की शुरुआत की। 24 से 26 नवंबर तक चलने वाला यह आयोजन ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

गाँवों की आत्मनिर्भरता को बताया समृद्ध मध्यप्रदेश का आधार

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर पंचायतें ही समृद्ध प्रदेश की वास्तविक नींव हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन ग्रामीण विकास की सबसे महत्वपूर्ण कुंजी है।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पंचायतों को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया। Photograph: (Mpinfo)

स्थानीय योजनाएं बनाकर पंचायतों को मजबूत करने का संदेश

मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ऐसी योजनाएं बनाएं, जो गाँवों की आवश्यकताओं के अनुसार हों और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निर्णय क्षमता और संसाधन प्रबंधन जितना मजबूत होगा, प्रदेश का विकास उतना तेज होगा।

वाटर शेड प्रबंधन से जल संकट और कृषि को मिलेगा समाधान

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तुतियाँ दीं। विशेषज्ञों ने बताया कि वाटर शेड प्रबंधन न सिर्फ जल संरक्षण का प्रभावी तरीका है, बल्कि इससे कृषि उत्पादन भी बढ़ता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने साझा किए अपने नवाचार

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में लागू किए गए नवाचारों और सफल प्रयोगों को साझा किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय प्रयास किस तरह ग्रामीण जीवन को बदल सकते हैं।

प्रदर्शनी में दिखीं जल संरक्षण तकनीक और ग्रामीण उद्यमिता की झलक

महोत्सव में लगी प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। प्रदर्शनी में जल संरक्षण तकनीक, महिला स्व-सहायता समूहों की उपलब्धियाँ, ग्रामीण उद्यमिता मॉडल और पंचायत स्तर पर लागू योजनाओं की झलक दिखाई गई। मुख्यमंत्री ने इन नवाचारों की प्रशंसा की।

प्रशिक्षण सत्रों में पंचायत प्रतिनिधियों को मिल रहा विशेष मार्गदर्शन

तीन दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञ सत्र, समूह चर्चा और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन, संसाधनों का उपयोग और पारदर्शिता जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता बढ़ाने के लिए विशेष सत्र भी रखे गए हैं।

महोत्सव के सुझावों को सरकार अपनाएगी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव से प्राप्त सुझावों और निष्कर्षों को राज्य सरकार अपनी भविष्य की नीतियों में शामिल करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आत्मनिर्भर पंचायतों के माध्यम से समृद्ध मध्यप्रदेश का लक्ष्य जल्दी ही पूरा होगा।

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