समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए अफसरों की रचनात्मकता जरूरी: मुख्यमंत्री मोहन यादव


प्रशासन अकादमी में हुआ भव्य शुभारंभ

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार 19 दिसंबर से तीन दिवसीय आईएएस सर्विस मीट 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई। प्रशासन अकादमी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। उद्घाटन अवसर पर बड़ी संख्या में प्रदेश भर से आए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी केवल फाइलों और योजनाओं तक सीमित नहीं होते, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों की सोच, नवाचार और रचनात्मकता बेहद महत्वपूर्ण होती है।


रचनात्मक सोच से मजबूत होता है प्रशासन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में इस बात पर विशेष जोर दिया कि प्रशासनिक तंत्र तभी प्रभावी बनता है, जब अधिकारी परंपरागत सोच से आगे बढ़कर नए विचारों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि शासन की नीतियों को जमीन पर उतारने में आईएएस अधिकारियों की भूमिका सबसे अहम होती है। यदि अधिकारी संवेदनशीलता, कल्पनाशीलता और नवाचार के साथ कार्य करें, तो समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक विकास का लाभ पहुंचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजन अधिकारियों को एक-दूसरे से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं।

mohan yadav
mohan yadav Photograph: (MPINFO)


पहले दिन विशेष सेमिनार का आयोजन

आईएएस सर्विस मीट के पहले दिन सुबह 11 बजे एक विशेष सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें सरबवीर सिंह मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह अभिनव व्यावसायिक और प्रशासनिक पहलें आम नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि जब प्रशासन और नवाचार एक साथ चलते हैं, तो योजनाओं का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। सेमिनार में मौजूद अधिकारियों ने भी अपने सवालों और अनुभवों के जरिए चर्चा को और समृद्ध बनाया।


कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासन की सख्ती

सामान्य प्रशासन विभाग ने इस सर्विस मीट को लेकर सभी आईएएस अधिकारियों को शामिल होने की अनुमति दी है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिकारी अपने-अपने जिलों की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद ही भोपाल आएंगे। यदि किसी जिले की स्थिति संवेदनशील पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी को मीट में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 22 दिसंबर तक सभी अधिकारियों को अपनी-अपनी पोस्ट पर वापस लौटना अनिवार्य होगा। यह आदेश अवर सचिव फरहीन खान द्वारा जारी किया गया है।


खेल प्रतियोगिताओं से बढ़ेगी टीम भावना

तीन दिवसीय इस आयोजन में खेल गतिविधियों को विशेष स्थान दिया गया है। अरेरा क्लब में क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा बोट क्लब में बोटिंग रेस भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। आयोजकों का मानना है कि खेल गतिविधियों से अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल और टीम भावना मजबूत होती है, जिसका सकारात्मक असर उनके प्रशासनिक कार्यों में भी दिखाई देता है।


सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगी शाम

आईएएस सर्विस मीट की शामें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम रहेंगी। नाटक, फिल्मी गीतों की प्रस्तुति और रैंप वॉक जैसे कार्यक्रमों के जरिए अधिकारी अपनी छुपी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इन कार्यक्रमों में अधिकारियों के परिवारजन भी शामिल होंगे, जिससे माहौल और अधिक जीवंत और सौहार्दपूर्ण बनेगा। कलेक्टर, एसडीएम और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने परिवारों के साथ भोपाल में ठहरेंगे, जिससे यह आयोजन केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक उत्सव का रूप लेता नजर आ रहा है।


प्रशासनिक संवाद का साझा मंच

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आईएएस सर्विस मीट जैसे आयोजन केवल औपचारिकता या मनोरंजन के लिए नहीं होते, बल्कि यह प्रशासनिक संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच होते हैं। जब अधिकारी अपने रोजमर्रा के कार्यों से अलग होकर एक साथ बैठते हैं, तो अनुभवों का आदान-प्रदान होता है और नई सोच विकसित होती है। इससे प्रशासनिक चुनौतियों के समाधान के नए रास्ते खुलते हैं और शासन व्यवस्था और अधिक सशक्त बनती है।


समाज के प्रति जिम्मेदारी का बोध

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस सर्विस मीट से अधिकारियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन अधिकारियों को यह याद दिलाते हैं कि उनका दायित्व केवल पद और अधिकार तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के उत्थान और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। आईएएस सर्विस मीट 2025 को प्रशासनिक क्षमता, सामाजिक संवेदनशीलता और रचनात्मक सोच को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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